छोटे बच्चों को भी कई बार ठीक से नींद न आने की समस्या होने लगती है, जिस कारण पेरेंट्स बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं। बड़ों के मुकाबले बच्चों के बेहतर विकास के लिए नींद ज्यादा जरूरी होती होती है। बच्चों की नींद पूरी न होने से वो चिड़चिड़े हो जाते हैं। लेकिन कुछ बोल न पाने के कारण पेरेंट्स उनकी इस समस्या को समझ नहीं पाते हैं। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी ठीक से नहीं सोता है, तो इस चीज को नजरअंदाज न करें और इसके पीछे के कारण का पता लगाने की कोशिश करें। सर्टिफाइड बेबी स्लीप कंसल्टेंट साहिबा मदान की माने तो बच्चे के ठीक से नहीं सोने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, आइए जानते हैं क्या हैं ये कारण…
बच्चों के ठीक से न सो पाने के कारण - Reasons For Children Not Sleeping Properly in Hindi
सोने का सही रूटीन न होना
नवजात शिशु के लिए भी एक तय स्लीप शेड्यूल जरूरी है, इसलिए बच्चे को रोज एक ही समय पर सुलाने की कोशिश करें और उनके सोने का एक स्लीप शेड्यूल तय कर रोजाना उसे दोहराएं।
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सोते समय गोद में लेकर झुलाने, या खिलाने से बचें
बच्चे आरामदायक तकनीकों को जल्दी सीख लेते हैं, इसलिए इन्हें बदलने की कोशिश न करें। आप जिस तरह अपने बच्चे को सुलाती हैं, रोजाना उसी तकनीक का इस्तेमाल करें। बच्चों को मुंह में निप्पल लगाकर भी नहीं सुलाना चाहिए, क्योंकि ये भी उनकी आदत बन जाती है और सोते समय मुंह से निप्पल निकलने से भी उनकी नींद खुल जाती है।
जल्दी सोने के समय को तय करना
बच्चे के सोने का समय भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उसका रूटीन तय करना। कुछ महीनों की उम्र के बाद ही बच्चों के शरीर में मेलाटोनिन की वृद्धि होती है, जो एक नींद पैदा करने वाला हार्मोन है। यह हार्मोन बच्चे को जल्दी सोने के लिए तैयार करता है।
दिन के समय स्नैकिंग को हटाना
बच्चे का नींद और पोषण साथ-साथ चलते हैं। पहले 8 हफ्तों के लिए, बच्चे को हर दो से तीन घंटे में उसकी मांग के अनुसार दूध पिलाना चाहिए। हर घंटे पर बच्चे को दूध पिलाने से बच्चा पर्याप्त मात्रा में दूध का सेवन नहीं कर पाता। ऐसा करने से रात को भी बार-बार भूख लगने के कारण उसकी नींद खुलती रहेगी।
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दिन में झपकी लेने से न रोकें
एक अच्छी तरह से आराम करने वाला बच्चा अत्यधिक थके हुए बच्चे की तुलना में बेहतर सोएगा। यह उल्टा लगता है, लेकिन इस उम्मीद में उन्हें दिन में झपकी न लेने देना कि रात को बच्चा आराम से सोएगा, उनकी नींद में खलल डाल सकता है। इसी कारण बच्चे को रात में सुलाने के लिए दिन में नियमित रूप से झपकी लेने देना बहुत जरूरी है।
उम्र के अनुसार दिन में सोने का समय तय करें
बच्चे के उम्र के अनुरूप दिन में सोने का समय तय करना बहुत जरूरी होता है। ऐसा करने से जैसे-जैसे वो बड़े होंगे उनके लिए एक बेहतर स्लीप रूटीन तय किया जा सकता है, जो उनके खेलने, कूदने के समय को भी तय कर देंगे।
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