Yoga Poses To Practice After Sitting All Day In Hindi: ऑफिस में आठ से नौ घंटे तक ही एक ही सीट में बैठकर काम करना होता है। कभी-कभी काम का प्रेशर इतना ज्यादा होता है कि व्यक्ति को सीट से उठने का टाइम भी नहीं मिलता। ऐसे में पीठ और कमर में दर्द या अकड़न जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं। अगर लंबे समय तक इस तरह की समस्या को इग्नोर कर दिया जाए, तो एक समय बाद यह बीमारी स्थाई हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप काम के दौरान लगातार एक ही सीट पर आठ से नौ घंटे न बैठें। समय-समय पर ब्रेक लेते रहें। हर आधे घंटे में उठकर थोड़ी चहलकदमी करें। इसके अलावा, कुछ योगासनों की मदद से भी पीठ की अकड़कन को कम किया जा सकता है। यहां हम उन्हीं योगासनों के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं।
मलासन- Malasana
मलासन पीठ, कमर, पैर और नितंबों के लिए बेहतरी योगासन है। जब आप मलासन अवस्था में बैठते हैं, तो इस दौरान आपके बिल्कुल उस अवस्था में होते हैं, जैसे आप भारतीय टॉयलेट सीट पॉट में बैठे होते हैं। इस अवस्था में बैठने से आपके रीढ़ की हड्डी सीधी होती है, कमर सीधी होती है और कंधों को भी सपोर्ट मिलता है। यही नहीं, रोजाना मलासन का अभ्यास करने से आपका पोस्चर भी सीधा होता है, जिससे अपने आप पीठ या कमर दर्द और अकड़न की समस्या में कमी आने लगती है। वैसे, आपको बताते चलें कि अगर आपके लिए झुकना मुश्किल है या पैरों के बल मलासन करने में तकलीफ होती है, तो इस आसन को करने से बचें। दर्द या तकलीफ होन के बावजूद मलासन करने से आपकी समस्या बढ़ सकती है।
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मार्जरी आसन- Cat Stretch
मार्जरी आसन को हम अंग्रेजी में कैट पोज के नाम से भी जानते हैं। इस आसन को करते वक्त व्यक्ति बिल्कुल बिल्ली जैसी अवस्था में होता है यानी दो हाथ और घुटनों के बल जमीन पर होता है। रोजाना इस आसान को करने से पेट और पीठ की मांसपेशियां रीढ़ को सपोर्ट करती हैं। इससे मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। इसके अलावा, इस आसान की मदद से पीठ के निचले हिस्से को भी सपोर्ट मिलता है, जिससे रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है।
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धनुरासन- Dhanurasana
धुनरासन से रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है, पेल्विस एरिया को मजबूती मिलती है। अगर आप लंबे समय तक बैठे रहने का काम करते हैं, तो आपको रोजाना नियमित रूप से धुरासन का अभ्यास करना चाहिए। इस आसन को करते वक्त रीढ़ की हड्डी पर दबाव बनता है, जिससे स्पाइन को सपोर्ट मिलता है। इसके अलावा, यह हड्डियों का लचीलापन बढ़ाता है ओर पेट की मांसपेशियों को मजबूती देता है तथा टोन भी करता है। अगर किसी को स्लिप डिस्की की समस्या है, तो उन्हें नियमित रूप से इस आसन को एक्सपर्ट की मदद से करना चाहिए। हालांकि, समस्या ज्यादा है या इस आसन को करते हुए तकलीफ होती है, तो अपने आप इस आसन को न करें। इसके लिए विशेषज्ञों की मदद लें।
भुजंगासन- Bhujangasana
भुजंगासन करने से भी आपकी पीठ की अकड़न और दर्द में कमी आ सकती है। विशेषज्ञों की मानें, रोजाना भुजंगासन करने की वजह से रीढ़ की हड्डी को लचीलापन मिलता है और मजबूती भी बढ़ती है। इसके अलावा, यह आसन कमरे के निचले हिस्से को भी मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है। यह आसन खासकर साइटिका और अस्थमा के मरीजों के विशेषरूप से कारगर है।
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