Happy Birthday Nafisa Ali: बॉलीवुड एक्ट्रेस और राजनेता नफीसा अली को पेरिटोनियल कैंसर था। कैंसर के बावजूद उनके चेहरे पर हंसी और बेबाकपन, कैंसर के हर मरीज को हिम्मत देने के लिए काफी हैं। इस वीडियो में नफीसा बता कैंसर से अपनी जंग, इसकी जांच और इलाज के बारे में बता रही हैं। साथ ही नफीसा दुनियाभर के कैंसर रोगियों और डॉक्टरों को भी संदेश दे रही हैं।
आपके शरीर में कौन से बदलाव दिखे, जो आपको लगा कि आपको कैंसर है?
शुरुआत में मुझे पेट में दर्द की समस्या थी और लगातार डकार आती थी। मैं डॉक्टर के पास गई और उनसे पूछा कि दर्द क्यों हो रहा है? डॉक्टरों ने मेरा अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन किया, लेकिन वास्तविक कारण का पता नहीं चल सका। दो महीने बाद जब उसी सीटी स्कैन की रिपोर्ट को दोबारा डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने कहा, कि आपके पेट में फैट जमा हो गया है, जो अंगों पर दबाव डाल रहा है। दर्द जब कई महीनों तक बना रहा, तो मैं फिर से डॉक्टर के पास गई और उन्होंने मुझे अल्ट्रासाउंड के लिए कहा। अल्ट्रासाउंड में पता चला कि मेरे पेट में फ्लुइड (तरल पदार्थ) है। तब मुझे पता चला कि मैं पेरिटोनियल कैंसर से पीड़ित हूं।
जब आपको पता चला कि आपको कैंसर है, तो आपका क्या रिएक्शन था?
सच कहूं, तो मुझे खुशी हुई कि कम से कम मुझे पता चला कि मुझे क्या समस्या है। कैंसर की पुष्टि होने से पहले मुझे महीनों तक दर्द होता रहा जिसका कारण मुझे नहीं पता था, इसलिए इसका पता चलने के बाद मुझे खुशी हुई।
कैंसर ने आपके परिवार को किस तरह प्रभावित किया?
मेरे परिवार को इस खतरनाक रोग, पेरिटोनियल कैंसर का पता चलने पर बहुत हैरानी हुई। मेरे परिवार का मुझे पूरा सपोर्ट है। हर समय वो दवाई खिलाते रहते हैं, खाना को पूछते रहते हैं और मुझे देखते रहते हैं। पहले कभी-कभी समय न होने का बहाना बनाकर वो मुझे देखते भी नहीं थे, पर अब सब देखते हैं।
आपका उपचार कैसे किया जा रहा है?
मैं सोचती थी कि कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज का बहुत कठिन तरीका है, लेकिन यह वास्तव में नहीं है। जिस तरह से मेरे डॉक्टरों ने मेरा इलाज किया है, मुझे कोई परेशानी नहीं हुई है। मगर कीमोथेरेपी के बाद पहले 5 पांच दिनों के लिए कमजोरी बहुत होती है। उस कमजोरी से निकलने में थोड़ा समय लगता है। चूंकि कीमो हर 3 सप्ताह में होता है इसलिए कमजोरी ठीक होते ही वापस कीमो करना पड़ता है। आपको इस दौरान वास्तव में मजबूत होना चाहिए। कीमोथेरेपी के बाद अब सर्जरी होगी। अब ये डॉक्टर की स्किल है कि वो मेरा कितना कैंसर निकाल पाएंगे। ये एक बड़ी सर्जरी होगी।
ऐसे कठिन समय में आपको ताकत कहां से मिलती है?
सबसे पहले तो ये विश्वास कि कैंसर मेरे को छू नहीं पाएगा। कैंसर मुझे हुआ क्यों ये नहीं पता... शायद मेरी फैमिली को डराना था कि मम्मी को सीरियली लो। लेकिन अभी मुझे विश्वास है कि मेरी उम्र 62 होते-होते मैं पूरी तरह कैंसर मुक्त हो जाउंगी।
क्या आपको समय-समय पर डॉक्टर्स की राय मिलती रहती है?
मुझे इस बात का पछतावा है कि मैंने CA-125 जांच पहले क्यों नहीं करवाई। जिस तरह पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की जांच हर साल होनी चाहिए, उसी तरह औरतों में ओवरियन कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर की जांच भी हर साल करवानी चाहिए। ये सिर्फ 1200 रुपए का टेस्ट है। अगर मैंने इसे 2 महीने पहले करवाया होता, तो कैंसर का पता और पहले चल सकता था।
कैंसर ने आपकी जीवनशैली को किस तरह बदला है?
मेरी डाइट में चीनी, आइसक्रीम, चॉकलेट सब बंद है, जबकि मुझे मीठी चीजों का बहुत शौक है। अब मैं बाहर का खाना नहीं खाती हूं। सलाद और कच्चे आहार भी नहीं खाती हूं क्योंकि कीमोथेरेपी से इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर होती है और हीमोग्लोबिन भी घट जाता है।
डॉक्टर्स ने किस तरह आपका साथ दिया या आप उन्हें क्या संदेश देना चाहती हैं?
मैं डॉक्टरों को ये कहना चाहती हूं कि जब आपको पता है कि कैंसर का टेस्ट हो सकता है और इतना सस्ता टेस्ट है, तो अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन के बजाय ये टेस्ट करवाइए। आज शरीर के हर अंग के लिए कैंसर की जांच उपलब्ध है। मुझे कैंसर का पता इसलिए चला कि मैं जिद्दी थी और मैंने डॉक्टर्स से कहा कि मेरे रोग का कारण बताइए। दूसरा कोई होता तो शायद अभी पेट दर्द का ही इलाज चलता रहता।
आप अपने आप को किस तरह से संबल देती हैं?
मैं ये मानती ही नहीं हूं कि मुझे कोई जानलेवा कैंसर है। मुझे ऐसी कोई फीलिंग नहीं है इसलिए मुझे डर भी नहीं लगता।