Who Is At Higher Risk Of Heart Blockage In Hindi: clevelandclinic के मुताबिक, "जब इलेक्ट्रिक सिग्नल, जो आपके दिल की धड़कनों को नियंत्रित करता है, वह कुछ देर के लिए या पूरी तरह बंद हो जाता है। इसे हार्ट ब्लॉकेज कहा जाता है। इस कंडीशन में, दिल की धड़कनें बहुत धीमी हो जाती है या फिर दिल धड़कना बंद कर देता है। नतीजतन, शरीर में सही तरह से ब्लड पंप नहीं हो पता है। ऐसी सिचुएशन में चक्कर आना, बेहोशी, थकान और सांस लेने में तकलीफ जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।" हार्ट ब्लॉकेज होना किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। हार्ट ब्लॉकेज की वजह से किसी की जान भी जा सकती है। इसलिए, यह जान लेना बहुत जरूरी है कि आखिर किस तरह के लोगों को हार्ट ब्लॉकेज का खतरा ज्यादा रहता है और उन्हें इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
हार्ट ब्लॉकेज क्या है?- What Is Heart Blockage In Hindi
Clevelandclinic के अनुसार, "हार्ट ब्लॉकेज का मतलब हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में प्रॉब्लम का होना होता है। हार्ट का इलेक्ट्रिकल सिस्टम आपके दिल की धड़कनों की गति को नियंत्रित करता है। इस कंडीशन को एट्रियोवेंट्रिकुलर (एवी) या कंडक्शन डिसऑर्डर के नाम से भी जाना जात है।"
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हार्ट ब्लॉकेज का खतरा किसको अधिक होता है?- Who Is Prone To Heart Blockage In Hindi
अगर कोई ओवर वेट है, तो उसे हार्ट ब्लॉकेज का खतरा रहता है। bhf.org.uk वेबसाइट के अनुसार, "अतिरिक्त वजन से आपकी धमनियों यानी ब्लड वेसल्स में फैट जमा हो सका है। कई बार ये फैट इतनी ज्यादा मात्रा में जमा हो जाती है, जो हार्ट ब्लॉकेज का कारण बन सकती है। यहां तक कि यह हार्ट अटैक की वजह भी बन सकती है।"
Mayoclinic के अनुसार, "हृदय की मांसपेशियों में सजून (मायोकार्डियम) (Thickening Of The Heart Muscle) के कारण भी हार्ट ब्लॉकेज होने का रिस्क बढ़ जाता है। दरअसल, इसकी वजह से ब्लड फ्लो में दिक्कत होती है। ऐसा हो सकता है कि लेफ्ट एट्रियम और बाएं वेंट्रिकल (माइट्रल वाल्व) के बीच का वाल्व ठीक से बंद न हो। परिणामस्वरूप, ब्लड उल्टी दिशा यानी लेफ्ट एट्रियम की ओर वापिस आ सकता है। यह कंडीशन बिल्कुल सही नहीं है। यह भी हार्ट ब्लॉकेज (Causes Of Heart Blockage) का एक कारण बन सकता है।"
हार्ट फेलियर (Heart Failure) के कारण भी हार्ट ब्लॉकेज हो सकता है। हार्ट मसल्स कई बार बहुत ज्यादा मोटी हो जाने के कारण हार्ट में ब्लड भरने लगता है। इस कंडीशन में शरीर को पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं मिल पाता है। अगर कुछ ही क्षणों में इस कंडीशन में सुधार न हो, तो हार्ट ब्लॉकेज हो सकता है और व्यक्ति की जान जोखिम में पड़ सकती है।
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हार्ट डिजीज के रिस्क को कम करने के टिप्स- Tips To Reduce The Risk Of Heart Disease
हार्ट ब्लॉकेज का रिस्क हार्ट डिजीज (Heart Disease Can Cause Heart Blockage) की वजह से बढ़ता है। अगर इसे कंट्रोल में करना है, तो हार्ट डिजी के रिस्क को कंट्रोल में करने की कोशिश करनी होगी। इस संबंध में एनएचएस वेबसाइट ने कुछ खास सुझाव दिए हैं, जैसे-
- हेल्दी डाइट लें। डाइट में लो-फैट लें, हाई फाइबर लें और डाइट में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां शामिल करें।
- फिजिकली एक्टिव रहें। एक ही जगह बैठकर घंटों काम न करें। अगर डेस्क जॉब करते हैं, तो नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
- अपने वजन को हमेशा कंट्रोल में रखें। ओवर वेट होने से बचें और नशीले पदार्थों से दूरी बना रखें।
- अपने ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को कंट्रोल में रखें। इनसे हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल- Frequently Asked Questions
आपको कैसे पता चलेगा कि आपको बिना एंजियोग्राफी के हार्ट ब्लॉकेज है?
सीने में दर्द, थकान, पीठ दर्द जैसे कई लक्षण हार्ट ब्लॉकेज होने पर नजर आ सकते हैं। हालांकि, इसका कंफर्मेशन के लिए आपको एंजियोग्राफी करवानी पड़ेगी।
हार्ट ब्लॉकेज के शुरुआती लक्षण क्या है?
हार्ट ब्लॉकेज होने पर शुरुआती लक्षण में सीने में दर्द, चक्कर आना थकान होना जैसा महसूस हो सकता है। ऐसे कोई संकेत नजर आएं, तो आप डॉक्टर के पास जाएं।
क्या कोई व्यक्ति हार्ट ब्लॉकेज के साथ रह सकता है?
हार्ट ब्लॉकेज होने के बावजूद व्यक्ति सामान्य जिंदगी जी सकता है। हालांकि, उसे बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है। इसके अलावा, समय-समय पर डॉक्टर से कंसल्ट कर अपनी जांच भी करवानी पड़ती है।
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