हाइपरटेंशन को अगर इस युग का इनाम कहें तो ये कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। आज की भाग दौड़ वाली जिन्दगी में घर हो या बाहर, चिन्ता, परेशानी व गुस्सा हमारे दिल दिमाग व शरीर के दूसरे भागों को भी प्रभावित करता है। हमारा हृदय हमारे शरीर में रक्त को प्रवाहित करता है। स्वच्छ रक्त आर्टरी से शरीर के दूसरे भागों में जाता है और शरीर के दूसरे भागों से दूषित रक्त हृदय में वापस जाता है। ब्लड प्रेशर खून को पम्प करने की इसी प्रक्रिया को कहते हैं। ब्लड प्रेशर इसीलिए कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक नार्मल प्रक्रिया है। लेकिन जब किसी कारणवश यह प्रेशर कम या ज़्यादा होता है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर कहते हैं। आज लोगों में हाईपरटेंशन एक बहुत ही आम समस्या है। यह बिना किसी चेतावनी के होती है इसलिए इसे साइलेंट किलर कहते है।
हाइपरटेंशन के कारण
हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है, जिनमे से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं।
शारिरिक कारण
- खून में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
- मोटापा
- आनुवांशिक
- अधिक मात्रा में मांसाहारी भोजन करना
- अधिक मात्रा में तैलीय भोजन करना
- शराब पीना
मानसिक कारण
- संवेदनशील लोगों में चिंता व डर से हृदय गति बढ़ जाती है, जिससे कि आगे जाकर ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है।
- अकारण परेशान होना
- जरूरत से ज्यादा काम
- परिवार में या कार्यस्थल में तनाव
खान पान से उपचार
- हाइपरटेंशन के उपचार के लिए कुछ इस प्रकार के आहार का सेवन किया जा सकता है:
- धनिया, गोभी, नारियल का सेवन करें
- हाइपरटेंशन में शहद भी फायदेमंद है।
- केले, मिठाइयां, आइसक्रीम, अचार, दही बिलकुल ना खाएं।
- खाना बनाने में अदरक या लहसुन का प्रयोग कर सकते हैं।
- रोज व्यायाम करें और भरपूर आराम करें।
अन्य उपाय
- इसके अलावा कुछ और आदतें अपनाकर आपा हाइपरटेंशन जैसी समस्या को टाल सकते हैं-
- मोटापे से दूर रहें।
- गुस्सा, परेशानी और निगेटिव एनर्जी से दूर रहें।
- योगा करें।
- शवासन योग निद्रा, शशांकासन, पद्मासन, पवन मुक्तासन, कूर्मासन, मकरासन, शीतली प्राणायाम, ध्यान और दूसरे आसन भी हाइपरटेंशन जैसी बीमारी में लाभदायी होते है।
हाइपरटेंशन में हार्ट, किडनी व शरीर के अन्य अंग काम करना बंद कर सकते हैं। इसके अलावा हाई बीपी के कारण आंखों पर भी असर पड़ता है। इसलिए इस बीमारी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
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