What is TMT Test: कोरोना वायरस महामारी के बाद से हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़े हैं। यहां तक कि युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। हार्ट से जुड़ी बीमारियों का मुख्य कारण खराब दिनचर्या और असंतुलित खानपान है। शराब का सेवन, स्मोकिंग और नींद की कमी जैसे कारणों की वजह से हार्ट से जुड़ी बीमारियों का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। शरीर को फिट और सही रखने के लिए हार्ट का हेल्दी होना बहुत जरूरी है। हार्ट की बीमारियों की सही समय पर पहचान होने पर इसके खतरे को कम किया जा सकता है। हार्ट हेल्थ की जांच के लिए कई तरह के टेस्ट किये जाते हैं। टीएमटी टेस्ट भी हार्ट हेल्थ को जांचने के लिए किया जाता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं ट्रेडमिल टेस्ट (TMT Test) के बारे में।
ट्रेडमिल टेस्ट क्या होता है?- What is TMT Test in Hindi
ट्रेडमिल टेस्ट यानी टीएमटी टेस्ट हार्ट से जुड़ी परेशानियों और हार्ट में गड़बड़ी की जांच करने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट में ट्रेडमिल पर दौड़ना पड़ता है और इस दौरान हार्टबीट, ब्लड प्रेशर और सांस आदि की रेंज को चेक किया जाता है। लखनऊ के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ केके कपूर कहते हैं, "दिल की फिटनेस चेक करने के लिए टीएमटी टेस्ट किया जाता है। ट्रेडमिल टेस्ट (TMT) में व्यक्ति को मशीन पर दौड़ाकर उसके दिल पर पड़ने वाले दबाव का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट से हार्टबीट, और हार्ट पम्प आदि का पता लगता है। इस टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर मरीज के दिल की स्थिति पता चलती है।"
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ट्रेडमिल टेस्ट के फायदे- Treadmill Test Benefits in Hindi
ट्रेडमिल टेस्ट एक तरह का मानक टेस्ट है, जिसकी सहायता से हार्ट की ब्लड पंप रेंज से लेकर हार्टबीट और इसकी कार्यक्षमता का पता लगाया जाता है। यह एक एडवांस टेस्ट होता है, इकोकार्डियोग्राम के बाद भी अगर डॉक्टर को स्थिति का सही पता नहीं चल पाता है, तो डॉक्टर टीएमटी टेस्ट की सलाह देते हैं। टीएमटी टेस्ट से डॉक्टर इन स्थितियों का पता लगाते हैं-
- हार्ट कितना सही ब्लड पंप करता है
- हार्ट तक ब्लड की सप्लाई ठीक है या नहीं
- मांसपेशियों या वाल्व की समस्याओं का पता लगाने में मदद
- रेस्ट के समय समस्या और एक्सरसाइज के दौरान हार्टबीट में फर्क
- कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) का पता लगाने में मदद
कैसे किया जाता है टीएमटी टेस्ट?- How TMT is Done in Hindi
डॉक्टर टीएमटी टेस्ट करने से पहले मरीज की स्थिति और बीमारियों की हिस्ट्री की जानकारी लेते हैं। इस टेस्ट से पहले आपको अगर सांस लेने में दिक्कत जैसी बीमारी है, तो उसके बारे में बताना होता है। इसके बाद डॉक्टर की देखरेख में आपके सीने और इसके आसपास एल्क्ट्रोड चिप की सहायता से कुछ वायर लगाए जाते हैं। इन वायर को एक मशीन से कनेक्ट किया जाता है और इसकी सहायता से कंप्यूटर पर रीडिंग दिखती है। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद डॉक्टर सबसे पहले आपको लेटाकर हार्ट की समान्य रीडिंग नोट करते हैं और उसके बाद ट्रेडमिल मशीन पर धीरे-धीरे चलने से लेकर तेज दौड़ाया जाता है। आमतौर पर टीएमटी मशीन की रीडिंग 80% तक आने पर डॉक्टर इसे सामान्य मानते हैं।
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टीएमटी टेस्ट से जुड़ी सावधानियां- TMT Test Precaution in Hindi
टीएमटी टेस्ट ज्यादातर खाली पेट या हल्का नाश्ता करने के बाद किया जाता है। अगर आपने भोजन किया है, तो उसके 2 से 3 घंटे बाद ही टीएमटी टेस्ट किया जाता है। इस दौरान कुछ लोगों को चक्कर, बेहोशी और सांस फूलने की समस्या हो सकती है। इसलिए मरीजों को पहले यह सलाह दी जाती है कि अगर आपको कुछ अच्छा नहीं लग रहा है, तो इसके बारे में डॉक्टर को जानकारी जरूर दें। हाई ब्लड प्रेशर के मरीज, सीओपीडी के मरीजों को यह टेस्ट नहीं कराने की सलाह दी जाती है।
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