कैंसर, जिसका नाम सुनकर ही लोग भयभीत हो जाते हैं। इस बीमारी के बारे में जानकर लोगों को ये समझ नहीं आता कि अब वह क्या करें। जबकि समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लें तो किसी भी तरह के कैंसर को खत्म किया जा सकता है। पेरिटोनियल कैंसर एक ऐसा कैंसर है जिसके मामले देशभर में न के बराबर देखे जाते हैं। हालांकि बॉलीवुड की जानी मानी अदाकारा और राजनेता नफीसा अली भी इन दिनों पेरिटोनियल और ओवेरियन कैंसर से जंग लड़ रही हैं। दिल्ली के एक नामी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। आज हम आपको बताएंगे कि पेरिटोनियल कैंसर क्या होता है और इसके लक्षण व कारण क्या होते हैं।
क्या होता है पेरिटोनियल कैंसर?
पेरिटोनियल कैंसर बहुत ही कम देखने व सुनने में आता है। यह पेट के ऊपरी हिस्से के ऊतकों के पतली परत के अंदर विकसित होता है। यह गर्भाशय, ब्लैडर व रेकटम को प्रभावित करता है। इपथिकल कोशिकाओं से बनी आकृति को पेरिटोनियल कहा जाता है। यह ऐसे द्रव्य का निर्माण करता है जिससे पेट के अंदर के अंग आसानी से गतिविधि कर सकें। कई बार लोग पेरिटोनियल कैंसर व पेट व आंत के कैंसर में भ्रमित हो जाते हैं। यह दोनों एक तरह के कैंसर ना होकर अलग हैं। पेरिटोनियल कैंसर ओवरी के कैंसर की तरह दिखता है लेकिन इसमें ओवरी भी शामिल होती है।ओवरी की सतह इपथिकल कोशिकाओं से बनी है। इसलिए पेरिटोनियल कैंसर ओवरी के कैंसर से मिलता जुलता है। इसे इपथिकल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है।
पेरिटोनियल कैंसर के लक्षण क्या हैं?
पेट में दर्द, गैस, सूजन व ऐठन, हल्का भोजन लेने के बाद भी पेट में भारीपन महसूस होना, चक्कर आना, डायरिया, कांसटिपेशन, बार-बार यूरीन की समस्या, भूख कम लगना, अचानक से वजन बढ़ना व कम होना, असमान्य रुप से योनि से रक्तस्राव होना, सांस में कमी आदि लक्षण जब महसूस होने लगते हैं तो पेरिटोनियल कैंसर की पहचान करना आसान हो जाता है।
पेरिटोनियल कैंसर का खतरा पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को क्यों होता है?
पेरिटोनियल कैंसर पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखा जाता है। जिन महिलाओं को ओवरियन कैंसर होता है उनमें अपने आप पेरिटोनियल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा बढ़ती उम्र में भी इसके होने की संभावना ज्यादा होती है। इस कैंसर का असर यूटरस, ब्लैडर और रेक्टम पर भी पड़ता है इसलिए कई बार महिलाएं इसे ओवरियन कैंसर भी मान लेती हैं।
पेरिटोनियल कैंसर और ओवरियन कैंसर में क्या संबंध है?
पेरिटोनियल कैंसर और ओवरियन कैंसर में फर्क कर पाना कई बार डॉक्टरों के लिए बी मुश्किल होता है। इसकी मुख्य वजह यह है कि ओवरीज और पेरिटोनियम दोनों ही अंग इपिथेलियल सेल्स से बने होते हैं। इसलिए दोनों प्रकार के कैंसर में लक्षण एक से दिखाई देते हैं। लेकिन इन दोनों में मुख्य अंतर यह है कि पेरिटोनियल कैंसर उन महिलाओं को भी हो सकता है, जिन्होंने अपनी ओवरीज निकलवा दी हैं। इसके अलावा ओवरियन कैंसर सिर्फ ओवरीज में होता है जबकि पेरिटोनियल कैंसर पेट के किसी भी हिस्से में हो सकता है। पेरिटोनियल कैंसर के कारणों का पता नहीं लगा है मगर कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि ये जन्म के समय पाए गए दोष के कारण होता है।
क्या है पेरिटोनियल की जांच और इलाज?
लक्षण की शुरुआत में आमतौर पर पेट में सूजन, चक्कर आना और दर्द की समस्या होती है इसलिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की सलाह दे सकते हैं। पेरिटोनियल कैंसर के निदान के लिए डॉक्टर पहले आपके चिकित्सीय इतिहास की जांच करेगा। फिर वह आपकी शारीरिक जांच के जरिए आपको होने वाली समस्याओं क बारे में पता लगाने की कोशिश करेगा। कैंसर की पुष्टि हो जाने पर इसका इलाज किया जाता है।