यह एक प्रकार का त्वचा का कैंसर होता है। स्किन के दो प्रकार के कैंसर होते हैं-मिलेनोमा और नॉन मिलेनोमा। हमारी त्वचा की पांच परतों में से नीचे वाली परत को बेसललेयर कहते हैं। जब बेसल लेयर की कोशिकाओं में अप्राकृतिक तौर पर होने वाले बदलाव कई बार कैंसर का रूप ले लेते हैं।
एक्शन कैंसर हॉस्पिटल में मेडिकल ऑनकोलॉजी में सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर जे. बी. शर्मा का कहना है लिम्फोमा को कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट के जरिये इलाज किया जाता है। कीमोथेरेपी में कुछ दवाओं को ग्लूकोज में मिलाकर बॉडी में चढ़ा दी जाती हैं।
लिम्फोमा दो प्रकार का होता है। हॉजकिन्स लिम्फोमा और नॉन हॉजकिन्स लिम्फोमा। दोनों का इलाज अलग प्रकार से होता है। सबसे महत्वपूर्ण कारण एब्सटिन बार वायरस होता है।
रोगी के शरीर में प्रोस्टेट कैंसर किस स्तर पर है, इसकी पुष्टि के बाद ही चिकित्सकों द्वारा इलाज शुरू किया जाता है। डॉ. जेबी शर्मा के मुताबिक इसका पहला, दूसरा, तीसरा और चौथा चार चरण होते हैं और इसी आधार पर उपचार किया जाता है।
किसी व्यक्ति को प्रोस्टेट कैंसर होने पर पेशाब करने में दिक्कत होती है। डॉ. जे बी शर्मा के मुताबिक कई बार संक्रमण होने के कारण पेशाब में जलन, अचानक ज्यादा पेशाब आना और बुखार की समस्या भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए पीएसए टेस्ट किया जाता है।
यह एक ऐसी सर्जरी होती है, जिसमें आर्टिफिशियल ब्रेस्ट बनाये जाते हैं। ब्रेस्ट कैंसर के दौरान कई बार पूरे स्तन को या उसके कैंसर प्रभावित हिस्से को हटाना पड़ता है। जिन महिलाओं के पूरे स्तन को हटाया जाता है वहां नकली स्तन लगाया जा सकता है। यह दो तरह से की जा सकती है।
यह एक प्रकार का स्किन कैंसर है। आहार का ध्यान रखकर आप बेसिल सेल कार्सिनोमा के खतरे से बच सकते हैं। यदि आप भोजन में मशरूम, ब्रोक्कली, पालक, लहसुन और हल्दी को शामिल करते हैं, तो स्किन कैंसर होने की आशंका कम रहती है।
यह एक प्रकार का त्वचा का कैंसर होता है। स्किन के दो प्रकार के कैंसर होते हैं-मिलेनोमा और नॉन मिलेनोमा। हमारी त्वचा की पांच परतों में से नीचे वाली परत को बेसललेयर कहते हैं।
कैंसर को हराकर युवराज सिंह क्रिकेट के मैदान में लौट चुके हैं। युवी ने इस दर्द का सामना बड़ी बहादुरी के साथ किया। कैंसर के दर्द ने युवराज को और बेहतर और मजबूत इरादों वाला शख्स बना दिया है। अब युवराज ने तय किया है कि वे कैंसर के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाएंगे।