ट्रांसजेंडर समुदाय ने बयां क‍िया दर्द, शारीर‍िक और मानस‍िक चुनौत‍ियां से लड़ते हैं जंग

विविधBy Onlymyhealth editorial teamJun 14, 2023

Pride Month 2023: हर साल जून के महीने को प्राइड मंथ की तरह मनाया जाता है। 1 जून से 30 जून तक LGBTQ समुदाय के सभी सदस्य और सहयोगी प्राइड मंथ के जरिए अपनी पहचान को उत्‍साह के रूप में मनाते हैं। प्राइड मंथ का मकसद है LGBTQI+ लोगों की गर‍िमा, सुरक्षा, अध‍िकार और स्‍वतंत्रता के बारे में सभी को जागरूक करना। ओनलीमायहेल्‍थ ने इसी कड़ी में ट्रांस समुदाय के कुछ लोगों से बात की। 

ट्रांसजेंडर्स में शरीर और मन का जेंडर अलग होता है 

ट्रांसमैन कृष्‍णा स‍िंह ने बताया क‍ि लोगों को अभी भी ट्रांसजेंडर्स के बारे में बहुत कम जानकारी है। वह ट्रांसजेंडर को छक्‍का कहकर पुकारते हैं। लेक‍िन उन्‍हें ट्रांसजेंडर की पर‍िभाषा पता ही नहीं है। ट्रांसमैन की बात करें, तो यह वह जेंडर हैं ज‍िसमें व्‍यक्‍त‍ि लड़की के शरीर में पैदा होता है लेक‍िन उसकी भावनाएं या सोच एक लड़के की तरह होती है। वहीं बात करें ट्रांसवुमेन की तो वह लड़के के शरीर के साथ पैदा होते हैं पर उनकी सोच और व्‍यवहार लड़की की तरह होता है।

सुसाइड करने का व‍िचार आया 

कृष्‍णा ने बताया क‍ि ट्रांसजेंडर्स के ल‍िए कई शारीर‍िक चुनौत‍ियां होती हैं। कृष्‍णा उस वक्‍त को याद नहीं करना चाहते, जब उन्‍हें पीर‍ियड्स की प्रक्र‍िया से गुजरना पड़ता था। कृष्‍णा बताते हैं क‍ि उनके प्रत‍ि लोगों का रवैया ब‍िल्‍कुल अच्‍छा नहीं रहा है। एक समय ऐसा भी था जब कृष्‍णा ने सुसाइड करने की कोश‍िश की। लेक‍िन फ‍िर उन्‍हें सर्जरी और हार्मोन थेरेपी के बारे में पता चला। मेड‍िकल साइंस की मदद से ट्रांसजेंडर अपने शरीर को उस जेंडर में बदल सकते हैं ज‍िसमें वे रहना चाहते हैं। कृष्‍णा ने भी सर्जरी का व‍िकल्‍प चुना। कृष्‍णा ने बताया क‍ि अब उन्‍हें पीर‍ियड्स नहीं होते, उनकी आवाज बदल रही है और धीरे-धीरे फेश‍ियल हेयर्स आना शुरू हो गए हैं।

ट्रांसजेंडर्स के ल‍िए महंगी होती है सर्जरी 

ट्रांसवुमन रुद्रानी छेत्री ने बताया क‍ि अपने जेंडर को बदलने के ल‍िए हर ट्रांसजेंडर सर्जरी नहीं करा सकता। यह एक महंगी प्रक्र‍िया है। ट्रांसमैन बनने के ल‍िए करीब डेढ़ लाख और ट्रांसवुमेन के ल‍िए करीब ढाई लाख का खर्च आता है। रुद्रानी की मानें, तो उनके जैसे कई ट्रांसजेंडर्स के ल‍िए यह सर्जरी क‍िसी नई ज‍िंदगी या वरदान से कम नहीं है। हालांक‍ि इस सर्जरी के कुछ साइड इफेक्‍ट्स भी होते हैं जैसे ल‍िवर पर प्रभाव पड़ना या बोन डेन्‍स‍िटी कम होना। लेक‍िन ट्रांसजेंडर्स यह मानते हैं क‍ि सर्जरी से म‍िलने वाली    संपूर्णता के सामने ये प्रभाव बहुत कम हैं। 

बलात्‍कार जैसे अपराध का शि‍कार हो जाते हैं   

रुद्रानी ने बताया क‍ि उनके समुदाय के लोग हर द‍िन कई चुनौत‍ियों का सामना करते हैं जैसे- उन्‍हें श‍िक्षा नहीं म‍िलती, जॉब नहीं होती, मजबूर होकर ड्रग्‍स का सेवन करना पड़ता है। ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग रेप जैसे अपराधों का श‍िकार बनते हैं। एचआईवी का खतरा भी सबसे ज्‍यादा इसी समाज को है। रुद्रानी ने कहा क‍ि 'हम पूरे समाज से यह अपील करना चाहते हैं क‍ि हमें आपके साथ और आपके बीच ही रहना है। हमें खुले मन से अपना लें। हमारे प्रत‍ि अपनी सोच को बदलना शुरू करें।'    

 

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