तनाव को हम हमेशा बुरा समझते हैं। लेकिन क्या आप एक बार तनाव को अच्छा और उत्पादन को बढ़ाने वाला मान सकते हैं। यह बात सुनने में आपको थोड़ा अजीब लग सकता है। लेकिन थोड़ा सोचकर देखिए जब आपके ऊपर बॉस का प्रेशर रहता है, जब आपके पास काम बोझ ज्यादा रहता है, जब आपको कहीं यात्रा पर जाना होता है या फिर किसी सहकर्मी के साथ काम करना होता है, तो इस स्थिति में आप अपना कार्य किस तरह पूरा करते हैं? वहीं, जरा उस पल को भी याद कीजिए, जब आपके पास कुछ भी काम नहीं रहता है। शायद आपको याद आए कि लंबे समय तक काम बिल्कुल न रहने पर भी तनाव बढ़ता है? रिसर्च में देखा गया है कि थोड़े समय का तनाव काम के उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देता है। लेकिन अगर तनाव दीर्घकाल तक बना रहे, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। कुछ ऐसे तनाव होते हैं, जो वर्षो से हमें परेशान करते हैं। इस तरह के तनाव स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं, लेकिन अगर अल्पकाल के लिए तनाव हो, तो यह अच्छा और आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि अल्पकालिक तनाव शरीर की कोशिकाओं के लिए अच्छा होता है। यह हमें स्वस्थ रखने में मददगार हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे आहार होते हैं, जो तनाव को कंट्रोल करने में आपकी मदद करते हैं। साथ ही इससे हैप्पी हार्मोंस रिलीज होता है। आज हम आपको इस लेख में कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिससे हैप्पी हार्मोंस को बढ़ावा दिया जा सकता है।
डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि हमारे शरीर में 4 ऐसे हार्मोंस मौजूद होते हैं, जो हमारी खुशियों को बढ़ावा देते हैं। यह एंडोर्फिन, सेरोटोनिन, डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन हार्मोंस हैं, जिसे आप कई तरीकों से बढ़ा सकते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में-
1. उपवास मूड को करे बेहतर
कई हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि उपवास शरीर के लिए अच्छा माना जाता है। डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि उपवास के जरिए बीडीएनएफ नामक (बीडीएनएफ, मस्तिष्क व्युत्पन्न न्यूरोट्रॉफिक कारक है, जो मस्तिष्क में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोंस की उपलब्धता को बढ़ावा देता है। फलों, सब्जियों और मसालों का उपभोग करके यह हमारे मस्तिष्क में नई कोशिकाओं का निर्माण करता है।) न्यूरोट्रांसमीटर में सुधार किया जाता है। डॉयटीशियन बताती हैं कि 1 चम्मच हल्दी का इस्तेमाल करके हम बीडीएनएफ 50 फीसदी तक बढ़ा सकते हैं।
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डायटीशियन का कहना है कि हम कई बार सुनते हैं कि उपवास हमारे दिमाग के लिए अच्छा होता है। हम में से कई लोग विभिन्न अवसरों पर उपवास करते हैं। इससे शरीर की कई परेशानियां कंट्रोल रहती हैं। जैसे- डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल इत्यादि। साथ ही यह मूड को सुधारने में भी हमारी मदद करता है। यह बिल्कुल सच है। रिसर्च से पता चलता है कि उपवास करने से मनोदशा बेहतर होती है। इससे चिंता की कमी, अवसाद, थकान और एंडोर्फिन हार्मोंस का स्तर 50 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, शुरू में आपको उपवास करने पर बेकार महसूस हो, लेकिन धीरे-धीरे जब हमारा शरीर उपवास के अनुकूल ढल जाता है. जो इससे आपको बेहतर रिजल्ट मिलने लगता है।
2. प्राकृतिक खाद्य पदार्थ
डायटीशियन कहती हैं कि कुछ नैचुरल खाद्य पदार्थों से भी आप BDNF को बढ़ा सकते हैं। जैसे सेब, जामुन, अंगूर, प्याज, ग्रीन टी इत्यादि। इसके अलावा प्राकृतिक में मौजूद कुछ मसाले जैसे- लौंग, इलायची, अजवायन, जायफल से भी आप अपने BDNF को बेहतर कर सकते हैं। कई वैज्ञानिक यह साबित कर चुके हैं कि प्राकृतिक रूप से मिले आहार को खाने से अवसाद कम होता है। अगर आप अधिक फल और सब्जियों का सेवन करते हैं, तो आपका दिमाग शांत, खुश और उर्जावान रहता है।
3. सूरज की रोशनी
क्या आपने कभी सीजनल अफेक्टिव डिसऑ़र्डर (Seasonal Affective disorder) के बारे में सुना है? यह एस ऐसा डिसऑर्डर है, जिसका अनुभव आपको सर्दी या फिर बारिश के सीजन में अधिक होता है। इस स्थिति में हमें लगता है कि मौसम में बदलाव की वजह से ऐसा हो रहा है। लेकिन आपको बता दें कि सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर उन लोगों को अधिक होता है, जिनके शरीर में विटामिन डी की कमी होती है। डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि सूरज की रोशनी हमारे शरीर में सेरोटोनिन (Serotonin) हार्मोंस को बढ़ावा देने में मददगार होती हैं। इस हार्मोंस की मदद से आप अपने मूड को बेहतर कर सकते हैं। इसके अलावा शरीर में विटामिन डी की पूर्ति भी आप सूरज की रोशनी से कर सकते हैं। इसलिए मौसम में बदलाव नजर आए, तो थोड़े समय के लिए सूर्य की रोशनी में जानें की कोशिश करें।
4. मूड और शुगर का क्या है संबंध?
सेरोटोनिन हैप्पी हार्मोंस कार्बोहाइड्रेट के बिना हमारे ब्लड ब्रेन बैरियर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। ट्रिप्टोफैन (Tryptophan) एक ऐसा एमिनो एसिड है, जो मस्तिष्क में सेरोटोनिन हार्मोंस के मूवमेंट के लिए जरूरी है। मस्तिष्क में Tryptophan की कमी के कारण व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, क्रोध और अवसाद की समस्या देखी गई है। ऐसे में जब हम अधिक कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं, तो यह रक्त प्रवाह के जरिए गैर ट्रिप्टोफैन एमीनो एसिड को मांसपेशियों में छोड़ देता है। इससे हमारा मस्तिष्क और अधिक ट्रिप्टोफैन बनाने का कमांड देता है। इसी वजह से महिलाओं में PMS साइकल के दौरान कार्बोहाइड्रेट या फिर चीनी खाने की क्रेविंग होती है।
मस्तिष्क में ट्रिप्टोफैन को बढ़ाने के लिए कार्बोहाइड्रेट जरूरी होता है। लेकिन इस स्थिति में अच्छे कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें। प्रोसेस्ड कार्बोहाइट्रेड्स से बचें। डायटीशियन बताती हैं कि तिल, सूरजमुखी का तेल और कद्दू के बीज अच्छे ट्रिप्टोफैन माने जाते हैं। इस स्थिति में ब्लैक कॉफी भी आपके लिए फायदेमंद है। लेकिन ध्यान रखें कि 6 कप से अधिक कॉफी का सेवन न करें। ज्यादा ब्लैक कॉफी पीने से डिप्रेशन का खतरा रहता है।
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5. कुछ बेमिसाल टिप्स
डायटीशियन बताती हैं कि अगर आप अपने शरीर में इन 4 हैप्पी हार्मोंस को बढ़ावा चाहते हैं, तो नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। ड्यूक विश्वविद्यालय (Duke University) में किए गए अध्ययन के अनुसार, एंटीडिप्रेशन की दवा ले रहे जिन पुरुष और महिलाएं लगातार 4 महीनों में एरोबिक्स किया, उनके मूड में काफी बेहतर उधार देखने को मिले। ऐसा इसलिए क्योंकि एक्सरसाइज से टेलोमेरस को संरक्षित किया जा सकता है। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सप्ताह में 3 बार 45 मिनट तक करीब 6 महीनों के लिए एरोबिक्स किया जाए, तो इससे टेलोमेरेज एंजाइम को बढ़ाया जा सकता है। यह एक ऐसा एंजाइम है, जो हमारे डीएनए संरचना को बेहतर करता है। इसलिए नियमित रूप से ब्रिक्स वॉक, साइकलिंग या फिर अन्य तरीकों से एक्सरसाइज को अपने रुटीन में शामिल करें। याद रखें कि आपके शरीर के लिए एक्सरसाइज बहुत ही जरूरी है। आपको बता दें कि 1 घंटे के एक्सरसाइज से आप 3 गुना तक BDNF को बढ़ा सकते हैँ।
ध्यान रखें कि खुश रहने के लिए समय से बेहतर कोई गिफ्ट नहीं हो सकता है। इसलिए अगर आप खुश रहना चाहते हैं, तो खुद के लिए थोड़ा समय निकालें। जिसमें अपने बारे में सोचें और खुद के लिए कुछ अच्छा करें। ताकि आपको अंदर से बेहतर महसूस हो सके।
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