Tips For Diabetes Wound Care In Hindi: डायबिटीज के मरीजों को चोट लगने पर सावधान हो जाना चाहिए और सही तरह इसकी देखभाल करनी चाहिए।
Tips For Diabetes Wound Care In Hindi: यह बात हम सभी जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को अपने स्वास्थ्य का बहुत ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। उन्हें न सिर्फ अपनी डाइट का बल्कि, अपनी लाइफस्टाइल को लेकर भी सजग रहना चाहिए। अपनी लाइफस्टाइल या डाइट में की गई जरा-सी लापरवाही उनके ब्लड शुगर के संतुलन को बिगाड़ सकती है। अगर समय रहते, उसे मैनेज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसके अलावा, डायबिटीज के मरीजों को अगर कहीं घाव हो जाए या चोट लग जाए, तो उसके प्रति भी उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। दरअसल, डायबिटीज के मरीजों के घाव जल्दी ठीक नहीं होते हैं। अगर इसके ठीक होने में ज्यादा समय लगा, तो वहां संक्रमण हो सकता है, घाव फैल सकता है और समस्या गंभीर रूप ले सकती है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को यह जान लेना चाहिए कि अगर उन्हें चोट लग जाए, तो वे ऐसा क्या करें, ताकि घाव तेजी से ठीक हो सके। इस संबंध में हमने मीरा रोड स्थित Wockhardt Hospitals के कंसलटेंट इंटरनल मेडिसिन, डॉ. अनिकेत मुले से बात की।
चोट को साफ करने से पहले डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वे अपने हाथ को साबुन से साफ करे। इसके बाद चोट को सादे पानी से अच्छी तरह धो लें। ध्यान रखें, उसमें गंदगी जरा भी न रह जाए। थोड़ी-सी भी गंदगी चोट को गहरा कर सकती है। आप चाहें, तो चोट को गुनगुने पानी से भी धो सकते हैं। गुनगुने पानी से धोने पर चोट की सफाई सही तरह से हो जाती है।
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अगर धोने के बाद आपकी चोट से खून बह रहा है, तो उस पर दबाव बनाएं, ताकि खून बहना बंद हो सके। अगर चोट लगने वाली जगह से काफी ज्यादा खून बह रहा है, तो इसे हल्के में न लें। किसी सूती और साफ कपड़े की मदद से चोट पर दबाव बनाएं। इससे खून आना बंद हो जाएगा। अगर फिर भी खून बहता रहे, तो आप बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं, ताकि वे सही उपचार से ब्लीडिंग रोक सकें ।
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अगर चोट लगे हिस्से से खून आना बंद हो गया है और आपने उसे अच्छी तरह से साफ कर दिया है, तो चोट की रिकवरी के लिए उस पर एंटीबायोटिक क्रीम अप्लाई करना न भूलें। एंटीबायोटिक क्रीम आप डॉक्टर की सलाह पर ही फार्मेसी से खरीदें। वे आपकी चोट देखकर ऐसी एंटीबायोटिक क्रीम इस्तेमाल करने की सलाह देंगे, जो चोट को तेजी से रिकवरी में मदद कर सकता है।
अगर घाव बहुत गहरा न हो और बिना ड्रेसिंग के ठीक हो सकता है, तो उसे खुला छोड़ सकते हैं। वहीं, अगर घाव को प्रॉपर ड्रेसिंग की जरूरत है, तो इसकी अनदेखी न करें। एंटीबायोटिक क्रीम लगाने के बाद, चोट पर बैंडेज लगवाएं या ड्रेसिंग करवाएं। ऐसा करने से चोट ढकी रहेगी और इसमें इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाएगा।
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यह बात आप अच्छी तरह जानते हैं कि कोई भी चोट एक या दो दिन में ठीक नहीं होती है। इसे ठीक होने में समय लगता है। ऐसी स्थिति में डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वे रोजाना अपने ब्लड शुगर के स्तर की जांच करें। ब्लड शुगर में जरा भी उतार-चढ़ाव आपके घाव को ठीक होने में अड़चन पैदा कर सकता है। कोशिश करें कि इन दिनों आपके ब्लड शुगर का लेवल मैनेज रहे। इसके लिए, हेल्दी लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट फॉलो करें।
डायबिटीज के मरीजों को शरीर के किसी भी हिस्से में लगी चोट को हल्के में नहीं लेना चाहिए। शुरुआती स्तर में, घरेलू उपायों की मदद लें, जैसे घाव में एलोवेरा जेल से मसाज करें और अन्य उपाय आजमाएं। अगर कुछ दिनों में रिकवरी न नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
डायबिटीज के मरीजों को घाव होने पर तुरंत फर्स्ट एड लेना चाहिए और बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अगर किसी वजह से उनका घाव संक्रामक हो चुका है, तो इसे ठीक होने में समय लग सकता है। आपको बता दें कि डायबिटीज के मरीजों के पैर के अल्सर को ठीक होने में काफी समय लग सकता है। निश्चित रूप से कितना समय लगेगा, यह कहा नहीं जा सकता है। इसके लिए, डॉक्टर से कंसल्ट करना पड़ेगा।
चोट, जलन और घाव यूं तो सामान्य परिस्थितियों में भी लग सकती है। लेकिन, डायबिटीज के मरीजों को चोट, जलन या घाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
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