Stages of A Migraine: खानपान और लाइफस्टाइल में गड़बड़ी, आनुवांशिक स्थितियों समेत कई वजहों से माइग्रेन की बीमारी हो सकती है। माइग्रेन आमतौर पर सिरदर्द के रूप में होता है। इस बीमारी में हमेशा सिर के एक हिस्से में तेज दर्द की समस्या होती है। इसके अलावा माइग्रेन के मरीज लाइट या तेज आवाज की वजह से भी परेशान हो सकते हैं। माइग्रेन में होने वाला सिरदर्द गंभीर और तेज होता है और इसके कारण मरीज को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। माइग्रेन की शुरुआत में इसके लक्षणों को पहचानकर उचित कदम उठाने से मरीज जल्दी ठीक हो सकता है। माइग्रेन की बीमारी कई चरणों या स्टेजेस में होती है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं माइग्रेन के स्टेज के बारे में।
माइग्रेन की बीमारी के कितने स्टेज होते हैं?- Stages of A Migraine in Hindi
माइग्रेन को अधकपारी भी कहा जाता है। गंभीर रूप से माइग्रेन होने के बाद इस बीमारी का अटैक भी मरीजों में देखने को मिलता है। माइग्रेन अटैक के समय मरीज को सही देखभाल न मिलने से स्थितियां बेहद गंभीर हो जाती हैं। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि, "माइग्रेन बचपन, जवानी और बुढ़ापा किसी भी उम्र में हो सकता है। यह बीमारी चार चरणों या स्टेज में विकसित होती है- प्रोड्रोम, ऑरा, अटैक और पोस्ट-ड्रोम। हालांकि जरूरी नहीं है कि यह बीमारी हर मरीज में चार चरणों में ही हो।
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आइये जानते हैं माइग्रेन के चार स्टेज के बारे में-
1.प्रोड्रोम- Prodrome
प्रोडेम को माइग्रेन का पहला स्टेज माना जाता है। इस स्टेज में माइग्रेन अटैक के एक या दो दिन पहले से ही मरीज में कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं। ये बदलाव माइग्रेन अटैक की चेतावनी माने जाते हैं। इस स्टेज में मरीज को कब्ज, मूड स्विंग, गर्दन में अकड़न, बहुत ज्यादा प्यास लग्न और बार-बार पेशाब की समस्या होती है।
2. ऑरा- Aura
ऑरा वह स्टेज होता है, जो माइग्रेन अटैक के पहले होता है। यह स्टेज माइग्रेन अटैक के कुछ समय पहले शुरू होता है और 20 मिनट से लेकर घंटों तक रह सकता है। इस स्थिति में मरीज को देखने में परेशानी, झटके, हाथ और पैर में पिन चुभने जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है।
3. अटैक- Attack
माइग्रेन अटैक आने या ट्रिगर होने की स्थिति को ही अटैक स्टेज कहा जाता है। आमतौर पर यह 72 घंटों के लिए रहता है और मरीज की स्थिति के हिसाब से बार-बार हो सकता है। यह स्टेज महीने में कभी कभार होता है। इसके दौरान तेज दर्द, धड़कन का अहसास, उल्टी और लाइट व ध्वनि से संवेदनशीलता रहती है।
4. पोस्ट-ड्रोम- Post-drome
माइग्रेन अटैक के बाद के चरण को पोस्ट-ड्रोम कहते हैं। अटैक के बाद इस स्टेज में मरीज थका हुआ और भ्रमित महसूस करता है। हालांकि कुछ लोग इस स्टेज में उत्साहित भी महसूस कर सकते हैं। इस स्थिति में सिर हिलाने या मूवमेंट करने पर भी दर्द हो सकता है।
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माइग्रेन की समस्या में आपको लाइफस्टाइल और खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस बीमारी में नींद की कमी के कारण भी मरीज की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए डॉक्टर माइग्रेन की समस्या में लोगों को नींद का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
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