मलेरिया एक गंभीर स्थिति है, जिससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं। दुनियाभर में हर साल लाखों लोग इस बीमारी के चलते जान भी गंवाते हैं। आमतौर पर यह समस्या मच्छर के काटने की वजह से होती है। लेकिन हाल ही में इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (Indiana University School of Medicine) के मुताबिक आंतों में मौजूद कुछ बैक्टीरिया भी मलेरिया का कारण बन सकते हैं।
क्या कहती है स्टडी?
नेचर कम्यूनिकेशन्स में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक आंतों या पेट में मौजूद बैक्टीरिया मलेरिया के इंफेक्शन को बढ़ाने के साथ ही उसे और भी गंभीर बना सकते हैं। साल 2016 में पीएनएएस में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार भी आंतों में मिलने वाले माइक्रोबायोटा में मलेरिया के लक्षणों को और ज्यादा गंभीर बनाने की क्षमता होती है। यह स्टडी चूहों के साथ ही साथ इंसानों पर भी की जा चुकी है।
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बच्चों में भी रहता है खतरा
बच्चों में भी इस स्थिति के होने की आशंका रहती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक बच्चों में यह बीमारी होने के लक्षण कई बार नहीं दिख सकते हैं। लेकिन कुछ बच्चों के खून में मलेरिया के पैरासाइट्स पाए जाते हैं। जिससे बच्चों में मलेरिया के लक्षण ज्यादा गंभीर होने की आशंका बढ़ सकती है। इसलिए बच्चों में अगर मलेरिया के किसी भी तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं तो ऐसे में चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
मलेरिया के कारण हर साल मरते हैं इतने लोग
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक मलेरिया एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। साल 2021 में विश्वभर में मलेरिया के कारण 6,19,000 लोगों की मौत हुई थी। यही नहीं इनमें 5 या फिर इससे अधिक की उम्र के 76 प्रतिशत बच्चे शामिल थे।
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मलेरिया से बचने के तरीके
- मलेरिया से बचने के लिए घर में मॉस्किटो कॉइल के साथ ही मच्छरदानी का भी इस्तेमाल करें।
- मलेरिया से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और खान-पान पर विशेषतौर पर ध्यान दें।
- इसके लिए गहरे रंग के कपड़े पहनने से बचें साथ ही साथ तेल या फिर किसी लिक्विड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- घर से बाहर निकलने से पहले पूरी बाजू के कपड़े पहनें।