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आजकल महिलाओं में क्यों आम हो रही है अनियमित पीरियड्स की समस्या, एक्सपर्ट ने बताए 5 कारण

Why Irregular Periods Are Becoming More Common: अगर आप भी अनियमित पीरियड्स का सामना करती हैं, तो जानें इसके पीछे क्या कारण हैं।

Vineet Kumar
Written by: Vineet KumarUpdated at: Dec 21, 2023 13:40 IST
आजकल महिलाओं में क्यों आम हो रही है अनियमित पीरियड्स की समस्या, एक्सपर्ट ने बताए 5 कारण

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Why Irregular Periods Are Becoming More Common: आजकल हम देखते हैं कि हर तीसरी महिला अनियमित पीरियड्स का शिकार है। यानी उन्हें हर महीने समय पर पीरियड्स नहीं आते हैं। दरअसल महिलाओं की मेंस्ट्रुअल साइकिल 22 से 38 दिनों की होती है। अगर किसी महिला को इस समय अवधि के बीच पीरियड्स आते हैं, तो इसे सामान्य माना जाता है। लेकिन आजकल बहुत सी महिलाओं को कभी भी एक ही समय पर पीरियड्स नहीं आते हैं। कुछ-कुछ महिलाओं को तो 2-2 महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं और यह किसी एक महिला की समस्या नहीं है, बल्कि इन दिनों यह समस्या महिलाओं में बहुत आम होती जा रही है। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आखिर अनियमित पीरियड्स महिलाओं में इतना आम क्यों होते जा रहे हैं? आयुर्वेदिक चिकित्सक और थायराइड एक्सपर्ट डॉ. अल्का विजयन ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में इसकी पीछे की 6 मुख्य वजह बताई हैं, कि आखिर क्यों अनियमित पीरियड्स की समस्या ज्यादातर महिलाओं को परेशान कर रही है। अगर आपके पीरियड्स भी समय पर नहीं आते हैं, तो इस लेख में विस्तार से जानें ऐसा आपके साथ क्यों हो रहा है...

Reasons Why Irregular Periods Are Becoming More Common In Women in hindi

महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या क्यों आम हो रही है- Reasons Why Irregular Periods Are Becoming More Common In Women These Days In Hindi

1. देर रात तक काम करना या नाइट शिफ्ट

2. लंबे समय तक दर्द, पीड़ा और तनाव में रहना

3. मासिक धर्म के दौरान परिश्रम

4. कुरकुरे और क्रिस्पी स्नैक्स

5. बार-बार, जोरदार संभोग

6. पीरियड्स के दौरान लंबी यात्राएं

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डॉ. अल्का के अनुसार, पीरियड्स के दौरान महिलाओं को बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। उन्हें पीरियड्स के दौरान रिकवरी के लिए शरीर को आराम देने और बहुत अधिक परिश्रम करने से बचने की जरूरत होती है। भले ही पीरियड्स के दौरान आपको इसके नुकसान पता नहीं चलते हैं, लेकिन जब आप लगातार पीरियड्स के दौरान अधिक परिश्रम करते हैं, तो इसका प्रभाव बाद के वर्षों में देखने को मिलता है। इसके कारण कई तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं जैसे,

  • हार्मोन असंतुलन
  • असामान्य ब्लीडिंग
  • अत्यधिक ब्लीडिंग
  • पीएमएस / पीएमडीडी (गंभीर मूड स्विंग्स)

कोई भी चीज़ जो मन, मस्तिष्क और भौतिक शरीर पर तनाव पैदा करती है, (जैसे एक रात से अधिक गहरी नींद) गर्भाशय और उसके हार्मोन को प्रभावित करती है जैसे,

एचपीओ अक्ष के माध्यम से (हाइपोथैलेमस - पिट्यूटरी - डिम्बग्रंथि अक्ष या प्राण - अपान वात)

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चूंकि एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन जैसे प्रजनन हार्मोन मुख्य रूप से स्टेरॉयड हार्मोन फैट मोलेक्यूल से बने हार्मोन होते हैं, वात असंतुलन / अधिक परिश्रम से अत्यधिक शुष्कता के कारण इन हार्मोनों का उत्पादन ख़राब हो जाता है। इसलिए अच्छा आराम करना, संभोग से बचना आदि महत्वपूर्ण हैं।

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