आप सभी जानते हैं कि पैरेंट्स बनना कोई आसान काम नहीं है। बच्चों की परवरिश काफी सोच समझकर करनी पड़ती है। आपको माता-पिता होने के नाते इस बात का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है कि बच्चे के लिए क्या सही है क्या गलता। लेकिन आजकल पैरेंट्स के पास समय की कमी होने के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पैरेंट्स अपने बच्चों पर सही तरीके से ध्यान नहीं रख पाते हैं।
कई पैरेंट्स अपने बच्चों को बहलाने के लिए मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगर पहले के समय की तरफ देखा जाए तो बच्चों के हाथ में मोबाइल या लैपटॉप जैसी चीजें नहीं हुआ करती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले के समय में माता-पिता अपने बच्चों के लिए उन्हें सही राह दिखाने के लिए खुद ही मेहनत किया करते थे। इसलिए हमे जरूरत है कि हम एक बेहतर विकल्प तलाशें जिससे जीवन और टेक्नोलॉजी में एक बैलेंस बना रहे।
आजकल ज्यादातर बच्चे मोबाइल और लैपटॉप जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। टैक्नोलॉजी के साथ चलना अच्छा है लेकिन कई बार ये हद से ज्यादा इस्तेमाल करना खतरनाक भी हो सकता है। सभी पैरेंट्स को अपने बच्चों को ये बताना चाहिए कि इन सब चीजों का इस्तेमाल करने से कितना नुकसान हो सकता है या कितना फायदा है। इसके साथ ही आपको उन्हें ये बताने की जरूरत है कि आप टैक्नोलॉजी के साथ लोगों के साथ भी जुड़ने की कोशिश करें। जिससे की आप अपने अलावा किसी और को भी समझ सकें।
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ये जरूरी है कि बच्चे अपनी कल्पना और खेल का प्रयोग करें। इसके लिए हम बच्चों के लिए स्क्रीन-फ्री विचारों को साझा करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाय मनोरंजन के लिए खुद पर भरोसा करना भी आना चाहिए। जिससे की वो इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा भी मनोरंजन भी कर सकते हैं। आपको अपने बच्चे की हमेशा किसी स्क्रीन के साथ लगे रहने की आदत को खत्म करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि आप एक बेहतर विकल्प को चुनें।
आप इसके लिए एक शुरुआत कर सकते हैं, आप अपने बच्चे के लिए हफ्ते में एक नो-स्क्रीन डे रख सकते हैं। जिसमें वो उस दिन किसी भी स्क्रीन को अपने पास ना रखें। आप अपने बच्चे को इस डे के बारे में बताएं जिससे कि नो-स्क्रीन वाले दिन आपका बच्चा पूरे 24 घंटे मोबाइल, लैपटॉप और टीवी ना देखें।
इन टिप्स से अपने बच्चे को रखें स्क्रीन से दूर
- अपने बच्चों के साथ खेलें।
- बच्चों को मोबाइल-लैपटॉप के बिना खेलना सिखाएं।
- उनके लिए कुछ अच्छा बनाएं।
- बोर्ड गेम खेलें।
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- ड्रॉइंग कराएं।
- आसपास के बच्चों के साथ खेलने के लिए कहें।
- बच्चों से डेली रूटीन लिखवाएं।
- उनकी पसंदीदा किताबें उनके साथ पढ़ें।
- उनके साथ घूमने जाएं।
- उन्हें नो-स्क्रीन डे वाले दिन कुछ काम दें।
- पुरानी तस्वीरें दिखाएं।
- बच्चों को दादा-दादी से मिलाएं।
- घर पर उन्हें आइस्क्रीम बनाना सिखाएं।
- अखबार पढ़ने की आदत डालें।
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