Mouth fungal infection: मुंह के जरिए ही हम कई चीजों का सेवन करते हैं। ऐसे में अगर मुंह में किसी भी तरह की परेशानी हो जाए, तो यह हमारे लिए बहुत ही कष्टदायी हो सकती है। कैंडिडिआसिस (Candidiasis) नामक संक्रमण की वजह से मुंह में फंगल इंफेक्शन की शिकायत होती है। इस संक्रमण की वजह से मुंह में घाव और निगलने में काफी ज्यादा परेशानी होती है। आमतौर पर यह फंगल व्यक्ति के मुंह, पाचन तंत्र और स्किन पर कम मात्रा में मौजूद रहती है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
क्या कहती हैं ओरल एक्सपर्ट
गाजियाबाद की डेंटिस्ट डॉ स्मिता सिंह बताती हैं कि मुंह की अच्छे से साफ-सफाई न करने वाले व्यक्ति के मुंह में कैंडिडा फंगस बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है। वहीं, छोटे बच्चे अगर नीचे रखी चीजों का सेवन अधिक करते हैं, तो उन्हें ओरल फंगस इंफेक्शन हो सकता है। ऐसी स्थिति में बच्चों को नीचे रखी चीजों से दूर रखें। वहीं, अपने मुंह की सफाई अच्छे से करें। साथ ही कुछ गंभीर परिस्थितियों के कारण भी मुंह में फंगस इंफेक्शन बढ़ सकता है। इसलिए अगर आपको किसी भी तरह की परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। इससे आप काफी हद तक फंगल इंफेक्शन के खतरे से बच सकते हैं।
मुंह में फंगल इंफेक्शन के कारण - Causes of Mouth Fungal Infection in Hindi
कैंडिडा नामक फंगस की वजह से मुंह में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। कैंडिडा फंगस हमारी स्किन और मुंह पर काफी कम मात्रा में मौजूद होता है, लेकिन कुछ कारणों से जब इसकी संख्या बढ़ती है तो मुंह में फंगल इंफेक्शन की समस्या होने लगती है। चलिए जानते हैं किन कारणों से कैंडिडा फंगस बढ़ता है-
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इम्यूनिटी कमजोर होना
कमजोर इम्यूनिटी वालों को कैंडिडा फंगस के अटैक का ज्यादा खतरा रहता है। अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है, तो मुंह में फंगस इंफेक्शन बढ़ने की संभवाना बढ़ सकती है।
कैंसर ट्रीटमेंट
अगर आप कीमोथेरेपी ले रहे हैं या फिर कैंसर से जुड़ी कोई दवाई ले रहे हैं, तो इससे आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। इस स्थिति में मुंह में फंगल इंफेक्शन का खतरा अधिक है।
दवाओं का सेवन
एंटीबायोटिक्स की दवाओं का सेवन करने वालों को भी फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है। दरअसल, इस तरह की दवाएं कुछ अच्छे जीवाणुओं को भी नष्ट करती हैं, जिसकी वजह से फंगल इंफेक्शन हो सकता है।
अस्थमा
सांस से जुड़ी बीमारियों जैसे- अस्थमा, सीओपीडी के मरीजों को मुंह में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। दरअसल, इस तरह के मरीज मुंह के जरिए इंलेहर या फिर स्टेरॉयड की दवाएं लेते हैं, जिसके कारण उन्हें मुंह में इंफेक्शन का खतरा होगा।
बुजुर्ग और बच्चे
छोटे बच्चों और बुजु्र्गों को फंगल इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है।
डेंचर
नकली दांत इस्तेमाल करने वालों को भी ओरस थ्रश होने का खतरा हो सकता है।
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मुंह में फंगल इंफेक्शन का लक्षण - Symptoms of Mouth fungal Infection In Hindi
मुंह में फंगल इंफेक्शन की समस्या होने पर आपको कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं। जैसे-
- मुंह के अंदर लालिमा और दर्द होना।
- गालों के अंदर, जीभ और गले के आसपास सफेद दाग जैसा दिखना
- मुंह के अंदर मखमली घाव
- मुंह के अंदर रुई जैसा महसूस होना
- ब्रश करते समय मुंह से खून निकलना।
- खाने का स्वाद न लगना।
- निगलते समय दर्द होना।
- मुंह के कोनों में हल्की दरारें
- मुंह के कोनों में लालिमा होना
मुंह में फंगल इन्फेक्शन का इलाज (Treatment of Oral Thrush)
मुंह में फंगल इंफेक्शन की समस्या काफी ज्यादा बढ़ने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाने की आवश्यता है। अगर आपके मुंह में किसी भी तरह के फंगल इंफेक्शन का लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपका निम्न तरीके से इलाज कर सकते हैं।
मुंह में फंगल इंफेक्शन की समस्या होने पर डॉक्टर आपके एंटीफंगल (Anti-Fungal) की दवा लेने की सलाह दे सकते हैं। अगर फंगल इंफेक्शन ज्यादा गंभीर नहीं है, तो कुछ ही सप्ताह में आपकी परेशानी ठीक हो सकती है।
एंटी-फंगल दवाइयों के अलावा डॉक्टर आपको कुछ एंटीफंगल माउथवॉश या फिर पेस्ट का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं। इससे फंगल इंफेक्शन से छुटकारा पाने की कोशिश की जाती है।
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वहीं, अगर समस्या ज्यादा गंभीर है, तो डॉक्टर आपको क्लोट्रिमेजोल लोजेंज (Clotrimazole) का सुझाव दे सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इसका इस्तेमाल 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चे नहीं कर सकते हैं।
मुंह में फंगल इंफेक्शन से बचने के उपाय (Prevention Tips for Oral Thrush)
मुंह में फंगल इंफेक्शन की समस्या से बचने के लिए आप कुछ आसान से टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। जैसे-
- अगर आपको सांस से जुड़ी बीमारी है और आप कॉर्टिकोस्टेरॉइड इनहेलर का इस्तेमाल करते हैं, तो अपने इनहेलर को साफ जगह पर रखें और इनहेलर लेने के बाद कुल्ला करना न भूलें।
- अगर आपको बार-बार फंगल इंफेक्शन की परेशानी हो रही है, तो समय पर डॉक्टर से अपना टेस्ट कराएं। साथ ही नियमित रूप से फंगल से बचने के लिए दवाओं का सेवन करें।
- अपने दांतों को दिन में कम से कम 3 बार जरूर साफ करें। खाने के बाद और खाने से पहले माउथवॉश करना न भूलें।
- डेंचर का इस्तेमाल करते हैं, तो डेंचर को सुरक्षित स्थान पर रखें और इसकी सफाई का भी ध्यान रखें।
- डायबिटीज मरीज हैं, तो फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें।
- मुंह में ओरल थ्रश से बचने के लिए अपने औरल हाइजीन का ख्याल रखें।
- रात को सोने से पहले गर्म पानी से कुल्ला करें।
- दांतों में किसी भी तरह की परेशानी होने पर ज्यादा खट्टी-मीठी चीजों का सेवन न करें।
- अधिक शुगर युक्त चीजों का सेवन न करें।
मुंह में किसी भी तरह की परेशानी होने पर इसे नजरअंदाज न करें। अगर आपको मुंह में फंगल इंफेक्शन के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही डॉक्टर के बताए गए दिशा-निर्देशों का अच्छे से पालन करें। दिन में कई बार कुल्ला करें। बच्चों में कम से कम 2 बार ब्रश करने की आदत डलवाएं। साथ ही उन्हें ज्यादा चॉकलेट और जंक फूड खाने से रोकें। इससे आप ओरल फंगल इंफेक्शन के खतरे से काफी हद तक बच सकते हैं। साथ ही कई अन्य परेशानियों का खतरा भी कम हो सकता है।