किडनी फेल्योर
गुर्दा (किडनी) शरीर का एक जरूरी अंग है। ये आपके शरीर के नीचले हिस्से में होता है। ये आपके खून की सफाई करते हैं और आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालते हैं। किडनी आपके मूत्राशय में विषाक्त पदार्थों को भेजती है, जिसे आपका शरीर बाद में पेशाब के दौरान विषाक्त पदार्थों को निकालता है। पर गुर्दे से जुड़ी कोई भी बीमारी इसके काम काज को प्रभावित कर सकती है। बात अगर किडनी फेल्योर (kidney failure) की करें, तो किडनी फेल्योर तब होती है जब आपके गुर्दे आपके ब्लड से वेस्ट चीजों को पर्याप्त रूप से फिल्टर करने की क्षमता खो देते हैं। कई कारक आपके गुर्दे के स्वास्थ्य और कार्य में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जैसे:
- -पर्यावरण प्रदूषकों या कुछ दवाओं के कारण
- - पुरानी बीमारियों के कारण
- -गंभीर डिहाइड्रेशन
- -गुर्दे की चोट
- -अगर आपके गुर्दे नियमित ढंग से काम नहीं कर सकते हैं तो आपका शरीर विषाक्त पदार्थों से भर जाता है। ये किडनी फेल्योर के कारण भी हो सकता है।
किडनी फेल्योर के कारण- Causes of Kidney Failure
किडनी फेल्योर तब होती है जब आपके गुर्दे अचानक आपके रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करने में असमर्थ हो जाते हैं। जब आपके गुर्दे अपनी फिल्टरिंग क्षमता खो देते हैं, तो खतरनाक स्तर के अपशिष्ट जमा हो सकते हैं, और आपके ब्लड का रासायनिक संतुलन संतुलन से बाहर हो सकता है। किडनी फेल्योर के कारणों में शामिल हैं
1. किडनी का डैमेज हो जाना (kidney Damage)
किडनी डैमेज कई कारणों से हो सकता है। जैसे कि किडनी में और उसके आसपास नसों और धमनियों में ब्लड क्लॉटिंग हो जाना। या फिर किडनी में ब्लड सर्कुलेशन की कमी। इसके अलावा कुछ बीमारियां जैसे कि
- -ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस
- -हेमोलिटिक यूरीमिक सिंड्रोम, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं के समय से पहले नुकसान होने लगता है।
- - कोरोना संक्रमण
- -ल्यूपस, एक प्रतिरक्षा प्रणाली विकार है जो ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस का कारण बनता है
- -स्क्लेरोडर्मा, त्वचा और संयोजी ऊतकों को प्रभावित करने वाले रोग
- - अधिक शराब पीने और कोकीन का नशा करने की वजह से
- -मांसपेशियों के ऊतकों के टूटने (rhabdomyolysis) जो कि गुद्दे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है।
- -ट्यूमर कोशिकाओं (ट्यूमर लिम्फ सिंड्रोम) , जो विषाक्त पदार्थों का रिसाव करता है और किडनी डैमेज का कारण बनता है।
2. गुर्दे में यूरिन ब्लॉकेज (Urine blockage in the kidneys)
रोग और स्थितियां जो शरीर से मूत्र के मार्ग को रोकती हैं और तीव्र गुर्दे की चोट को जन्म दे सकती हैं:
- -ब्लैडर कैंसर
- -मूत्र पथ में रक्त के थक्के
- -ग्रीवा कैंसर
- -पेट का कैंसर
- -गुर्दे की पथरी
- -मूत्राशय को नियंत्रित करने वाली तंत्रिकाओं की क्षति
- -प्रोस्टेट कैंसर
3. किडनी में ब्लड सर्कुलेशन का सही न होना
किडनी में ब्लड सर्कुलेशन का सही न होना कई बार किडली फेल्योर का कारण बनता है। दरअसल, कुछ रोग और स्थितियां जो गुर्दे में रक्त प्रवाह धीमा कर सकती हैं और किडनी फेल्योर का कारण बन सकती है। जैसे कि
- -लिवर का काम करना बंद हो जाना।
- - खून या तरल पदार्थ की कमी
- -दिल का दौरा
- -दिल की बीमारी
- -संक्रमण
- -गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया के रूप में
- -गंभीर जलन होने पर
- -बहुत ज्यादा डिहाईड्रेशन होने पर।
किडनी फेल्योर के लक्षण- Symptoms of Kidney Failure
किडनी फेल्योर के लक्षण हर किसी में अलग होते हैं। जैसे कि अगर किडनी फेल्योर के कुछ शुरुआती लक्षणों को देखें, तो उन्हें पहचानना मुश्किल होता है। आप इसे किडनी फेल्योर के शुरुआती लक्षणों के रूप में देख सकते हैं। जैसे कि
- -पेशाब में जलन
- -पेशाब की कमी
- -शरीर में पानी की हमेशा कमी लगना
- - पैरों, टखनों और शरीर में सूजन
- -सांसों से जुड़ी परेशानी
- -अत्यधिक उनींदापन या थकान
- -लगातार मतली
- -उलझन
- -आपके सीने में दर्द या दबाव
- -बेहोशी
किडनी फेल्योर के प्रकार- Types of kidney failure
1. एक्यूट किडनी फेल्योर (Acute kidney failure)
एक्यूट किडनी फेल्योर दो तरीके के होते हैं,
a. एक्यूट प्रीनेटल किडनी फेल्योर (Acute prerenal kidney failure)
गुर्दे में अपर्याप्त ब्लड सर्कुलेशन तीव्र गुर्दे की विफलता का कारण बन सकता है। दरसलल, ऐसा होने पर गुर्दे रक्त से विषाक्त पदार्थों को फिल्टर नहीं कर सकते हैं। गुर्दे की विफलता के इस प्रकार को आमतौर पर ठीक किया जा सकता है जब आपका डॉक्टर ब्लड सर्कुलेशन में कमी से जुड़े कारणों का इलाज करता है।
b. एक्यूट इंट्रेनजिक किडनी फेल्योर (Acute intrinsic kidney failure)
एक्यूट इंट्रेनजिक किडनी फेल्योर में टॉक्सिन ओवरलोड और इस्केमिया के कारण किडनी में ऑक्सीजन की कमी जाती है और किडनी फेल हो जाता है।
2. क्रोनिक किडनी फेल्योर (Chronic kidney failure)
a. क्रोनिक प्रीरेनल किडनी फेल्योर
जब एक लंबे समय तक के लिए गुर्दे में ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता है तो गुर्दे सिंक करने लगते हैं और कार्य करने की क्षमता खो देते हैं।
b. क्रोनिक इंट्रेनजिक किडनी फेल्योर (Chronic intrinsic kidney failure)
यह तब होता है जब आंतरिक गुर्दे की बीमारी के कारण गुर्दे को दीर्घकालिक नुकसान होता है। इसमें किडनी में गंभीर ब्लीडिंग या ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
c. पोस्ट रेनल किडनी फेल्योर (post-renal kidney failure)
ये मूत्र पथ का एक दीर्घकालिक अवरोध पेशाब को रोकता है। यह दबाव और अंततः गुर्दे की क्षति का कारण बनता है।
किडनी फेल्योर से जुड़े जोखिम- Risk factors
कुछ लोगों को किडनी फेल्योर का जोखिम ज्यादा होता है और उन्हें इसके बारे में जानना चाहिए। जैसे कि
- -डायबिटीज के मरीज को
- -उम्र बढ़ने के साथ
- -ब्लड सर्कुलेशन की कमी
- -हाई ब्लड प्रेशर
- -दिल से जुड़ी बीमारियां
- -गुर्दे की बीमारियां
- -लिवर के रोग
- - कैंसर
इसके अलावा तीव्र गुर्दे की विफलता से आपके फेफड़ों में तरल पदार्थ का निर्माण हो सकता है, जिससे सांस की तकलीफ हो सकती है। इसके कारण छाती में दर्द और पेरीकार्डियम हो सकता है। मांसपेशियों में कमजोरी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी। साथ ही एक्यूट किडनी फेलियर से किडनी की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है और अंतत: मृत्यु हो सकती है।
किडनी फेल्योर से बचाव के उपाय -Prevention Tips
आप अपनी किडनी की देखभाल करके अपने जोखिम को कम कर सकते हैं। जैसे कि
- -अपनी डाइट को सही रखें और खूप पानी पिएं।
- -इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को दूर करने के लिए नारियल पानी पिएं।
- -ज्यादा समय के लिए पेशाब में कमी, पेशाब का पीला होना और पेशाब से जुड़ी अन्य समस्याओं को नजरअंदाज न करें।
- -ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दर्द दवाओं को लेते समय लेबल पर ध्यान दें। इन दवाओं के बहुत अधिक लेने से आपके गुर्दे की चोट का खतरा बढ़ सकता है। यह विशेष रूप से पहले से मौजूद गुर्दे की बीमारी, मधुमेह या उच्च
- -गुर्दे और अन्य पुरानी स्थितियों का प्रबंधन करने के लिए अपने चिकित्सक से बात करें। अगर आपको किडनी की बीमारी या कोई अन्य स्थिति है जैसे कि मधुमेह या उच्च रक्तचाप से पीड़िक हैं, तो इस बीमारी का इलाज करते रहें।
- -स्वस्थ जीवनशैली को प्राथमिकता बनाएं।
- - संतुलित आहार लें जिसमें ताजे फल और सब्जियां हो।
- - शराब और स्मोकिंग करने से बचें।
जब किडनी पूरी तरह खराब हो जाती है, तो मरीज को बचाने के सिर्फ दो उपाय होते हैं। एक लगातार डायलिसिस या किडनी ट्रांस्प्लांट। किडनी ट्रांस्प्लांट में किसी अन्य व्यक्ति की स्वस्थ किडनी को मरीज की खराब किडनियों के स्थान पर लगा दिया जाता है, जिससे मरीज के शरीर में किडनी से संबंधित सभी फंक्शन होने लगते हैं और समस्या समाप्त हो जाती है। लेकिन किडनी ट्रास्प्लांट एक मंहगी प्रक्रिया है और किडनी का दाता मिलना भी बहुत मुश्किल होता है। इस तरह इस कैटेगरी में किडनी फेल्योर से जुड़े विभिन्न जानकारियों को यहां पढ़ें।
Source: https://www.kidneyfund.org