IVF in Endometriosis in Hindi: एंडोमेट्रियोसिस गर्भाशय में होने वाली एक बीमारी है। इसमें गर्भाशय की आंतरिक परत बनाने वाले ऊतक (टिश्यू) में असामान्य बढ़ोत्तरी होने लगती है। फिर यह बाहर के अन्य अंगों में फैलने लगता है। यह ऊतक अंडाशया, फैलोपियन ट्यूब में फैल सकता है। आजकल एंडोमेट्रियोसिस एक सामान्य समस्या बन गई है, जिसका सामना कई महिलाएं कर रही हैं। आपको बता दें कि यह सबसे ज्यादा 18 से 35 साल की महिलाओं में देखने को मिलता है। जो महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित होती हैं, उन्हें मासिक धर्म के दौरान तेज दर्द का अनुभव हो सकता है। इन महिलाओं को नेचुरल तरीके से गर्भधारण में भी दिक्कत होती है। ऐसे में एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाएं आईवीएफ का सहारा लेती हैं। आइए, मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं, क्या एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाएं आईवीएफ से गर्भवती हो सकती हैं-
क्या एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाएं आईवीएफ से गर्भवती हो सकती हैं?
डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, 'अगर आपको एंडोमेट्रियोसिस की समस्या है, आप नेचुरल तरीके से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं, तो आप आईवीएफ का सहारा ले सकती हैं। एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं में आईवीएफ मददगार साबित हो सकता है। इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं के लिए आईवीएफ किसी वरदान से कम नहीं है। इन महिलाओं को आईवीएफ की मदद से संतान सुख प्राप्त हो सकता है।'
एंडोमेट्रियोसिस में भी आईवीएफ की प्रक्रिया वैसे ही होती है, जैसे सामान्य रूप से होती है। यानी एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाएं संतान सुख पाने के लिए आईवीएफ का सहारा ले सकती हैं। इसमें महिलाओं में अंडों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कुछ दवाइयां दी जाती है। इससे अंडे का उत्पादन बेहतर होता है। इसके बाद अंडे और शुक्राणु को टेस्ट ट्यूब में मिलाकर भ्रूण बनाने के लिए रखा जाता है। फिर इस भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है और कुछ दिनों बाद प्रेग्नेंसी जांच की जा सकती है। जब अंडों की गुणवत्ता सही होती है, तो गर्भधारण करना आसान हो जाता है।
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एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं के लिए आईवीएफ की सफलता दर क्या है?
डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, 'एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण करने में दिक्कत आती है। ऐसे में आईवीएफ करवाना मददगार साबित हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं में आईवीएफ सफल हो सकता है। लेकिन इसकी सफलता की दर इसकी स्थिति पर निर्भर करता है। अगर एंडोमेट्रियोसिस की स्थिति गंभीर यानी थर्ड या फोर्थ स्टेज पर होता है, तो आईवीएफ कम सफल हो पाता है। आईवीएफ की सफलता दर मरीज की सेहत और उनकी डाइट पर भी निर्भर करता है। इसलिए अगर आपको एंडोमेट्रियोसिस है, तो आईवीएफ को सफल बनाने के लिए डॉक्टर के द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों का पालन जरूर करना चाहिए।
एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं को आईवीएफ में क्या करना चाहिए?
- इन महिलाओं को आईवीएफ के दौरान अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर बनाए रखना बहुत जरूरी होता है।
- आपको अपने वजन को नियंत्रण में रखना चाहिए।
- इसके लिए योग, एक्सरसाइज और वॉक जरूर करें।
- तनाव कम लें और अच्छी नींद लेने की कोशिश करें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन करने से भी आपको बचना चाहिए।
- आपको ऑयली और जंक फूड आदि से परहेज करना चाहिए।
एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाएं आईवीएफ के दौरान बरतें ये सावधानियां
- धूम्रपान से परहेज करें।
- शराब का सेवन न करें।
- आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर के द्वारा बताई गई सभी बातों का ध्यान रखें। सारे टिप्स फॉलो करें।
- फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर आपको भी एंडोमेट्रियोसिस की समस्या है, तो आप आईवीएफ की मदद से गर्भधारण कर सकती हैं। लेकिन इसके लिए पहले डॉक्टर से कसंल्ट करें। इसके बाद, सभी जरूर टेस्ट करवाएं और फिर इस प्रक्रिया को करवाएं।