IVF in Diabetes in Hindi: डायबिटीज को शुगर भी कहा जाता है। यह बीमारी खराब खान-पान या तनाव के कारण हो सकता है। इसके अलावा, यह जेनेटिक भी होती है। इस स्थिति में शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है, जिसकी वजह से तरह-तरह की स्वास्थ्य समस्याएं शुरू होने लगती हैं। आजकल अधिकतर लोग डायबिटीज रोग का सामना कर रहे हैं। आपको बता दें कि जब शरीर में इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन पर्याप्त रूप से नहीं हो पाता है या फिर इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं कर पाता है, तो इस स्थिति में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा हो जाती है। इसे ही डायबिटीज के रूप में जाना जाता है। इसकी वजह से सेंट्रल नर्वस सिस्टम, किडनी आदि पर बुरा असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं, डायबिटीज प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। फिर जब नेचुरल तरीके से संतान सुख प्राप्त नहीं हो पाता है, तो कई कपल्स आईवीएफ का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या सच में डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं आईवीएफ ले सकती हैं? डायबिटीज वाली महिलाओं में आईवीएफ की सफलता दर कितनी है? इन्हीं सभी सवालों के जवाब जानने के लिए हमने मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की डॉ. शोभा गुप्ता से बातचीत की-
क्या डायबिटीज वाली महिलाएं आईवीएफ से गर्भवती हो सकती हैं?
डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, "अगर आपको डायबिटीज की समस्या है, इसकी वजह से आप नेचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर पा रही हैं, तो इस स्थिति में आप आईवीएफ आराम से करवा सकती हैं। डायबिटीज वाली महिलाओं के लिए आईवीएफ किसी वरदान से कम नहीं है। कई डायबिटीज पीड़ित महिलाएं संतान सुख प्राप्त करने के लिए आईवीएफ का सहारा लेती हैं। इससे आपको मां बनने का सुख प्राप्त हो सकता है।"
जब डायबिटीज से पीड़ित महिला का आईवीएफ किया जाता है। तो उसी तरीके से आईवीएफ की प्रक्रिया की जाती है, जैसे सामान्य रूप से होती है। इसमें अंडे और शुक्राणु को टेस्ट ट्यूब में मिलाकर भ्रूण बनाने के लिए रखा जाता है। फिर इस भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है और कुछ दिनों बाद प्रेग्नेंसी जांच की जा सकती है।
डायबिटीज वाली महिलाओं के लिए आईवीएफ की सफलता दर क्या है?
डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, "डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में आईवीएफ सफल हो सकता है। लेकिन इसकी सफलता दर ब्लड शुगर लेवल, मरीज की सेहत और उनकी डाइट पर पूरी तरह से निर्भर करता है। इसलिए अगर आपको डायबिटीज है, तो आईवीएफ को सफल बनाने के लिए आपको डॉक्टर के द्वारा बताए गए सभी दिशा-निर्देशों का पालन जरूर करना चाहिए। अगर शुगर लेवल ज्यादा रहता है, तो इसे कंट्रोल में रखने की कोशिश जरूर करें।"
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डायबिटीज वाली महिलाओं को आईवीएफ में क्या करना चाहिए?
- ब्लड शुगर की समय-समय पर जांच करवाते रहें।
- शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए अच्छी डाइट लें।
- डायबिटीज की वजह से होने वाली दिक्कतों की भी जांच कराते रहें।
- टाइप 1 डायबिटीज वाली महिलाएं इंसुलिन लेती रहें।
डायबिटीज वाली महिलाओं को आईवीएफ में क्या नहीं करना चाहिए?
- डायबिटीज वाली महिलाओं को तनाव लेने से बचना चाहिए। तनाव ब्लड शुगर को ट्रिगर कर सकता है।
- धूम्रपान, शराब का सेवन करने से बचना चाहिए।
- डायबिटीज की दवाइयों को स्किप नहीं करना चाहिए।
- फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए।
डायबिटीज वाली महिलाएं आईवीएफ के दौरान बरतें ये सावधानियां
- धूम्रपान से परहेज करें।
- शराब का सेवन न करें।
- रोजाना एक्सरसाइज और योगाभ्यास जरूर करें।
- मेडिटेशन और प्राणायाम करें।
- आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर के द्वारा बताई गई सभी बातों का ध्यान रखें।
- ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने की कोशिश करें।
अगर आपको भी डायबिटीज की समस्या है, तो आप आईवीएफ की मदद से गर्भधारण कर सकती हैं। लेकिन इसके लिए पहले डॉक्टर से कसंल्ट करें। इसके बाद, सभी जरूर टेस्ट करवाएं और फिर इस प्रक्रिया को करवाएं।