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क्या वायु प्रदूषण में प्रायाणाम करना चाहिए? जानें कौन-से प्राणायाम होते हैं लाभकारी

वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इस स्थिति में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है, तो क्या वायु प्रदूषण में प्राणायाम करना चाहिए? जानें एक्सपर्ट की राय

Anju Rawat
Written by: Anju RawatUpdated at: Nov 17, 2023 11:32 IST
क्या वायु प्रदूषण में प्रायाणाम करना चाहिए? जानें कौन-से प्राणायाम होते हैं लाभकारी

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Is It Safe to Perform Pranayam in Polluted Environment in Hindi: राजधानी दिल्ली समेत नोएडा और गाजियाबाद में पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI 400 के पार बना हुआ है। इस प्रदूषित हवा में आंखों में जलन और त्वचा संबंधी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। बढ़ते प्रदूषण के कारण फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इस हवा में फेफड़ों के रोगियों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए और प्रदूषण हवा से बचने के लिए योग, एक्सरसाइज और प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या सच में वायु प्रदूषण में प्राणायाम करना चाहिए? आइए, हठ योग एक्सपर्ट प्रियंका सिंह से जानते हैं इसके बारे में (Kya Pardushan me Pranayam Krna Chahiye)- 

क्या वायु प्रदूषण में प्राणायाम करना चाहिए?- Is It Safe to Perform Pranayam in Polluted Environment

योग एक्सपर्ट प्रियंका सिंह बताती हैं, 'वायु प्रदूषण का फेफड़ों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में इस दौरान फेफड़ों को मजबूत बनाना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए अक्सर लोग काढ़ा, हर्बल टी और गुनगुने पानी का सेवन करते हैं। लेकिन सिर्फ इतना ही काफी नहीं है। वायु प्रदूषण में फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए आपको योग, एक्सरसाइज और प्राणायाम का भी अभ्यास जरूर करना चाहिए। रोजाना कुछ देर प्रामायाम करने से फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही, वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों को होने वाला नुकसान भी कम होता है। जिस हिसाब से वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली और एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब है। ऐसे में प्राणायाम करने से वायु प्रदूषण के खतरनाक प्रभावों से बचा जा सकता है।

वायु प्रदूषण में प्राणायाम करते समय रखें इन बातों का ध्यान

  • प्रदूषण से फेफड़ों को बचाने के लिए खुली हवा में प्राणायाम करने से बचना चाहिए।
  • इस मौसम में आपको घर के अंदर की ब्रीदिंग एक्सरसाइज या प्राणायाम करना चाहिए।
  • इस समय आपको सुबह के बजाय शाम को प्राणायाम करना चाहिए। क्योंकि सुबह की तुलना में शाम को प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम होता है।

वायु प्रदूषण में कौन-से प्राणायाम करने चाहिए?

1. कपालभाति- Kapalbhati Pranayam

वायु प्रदूषण से फेफड़ों को बचाने के लिए आपको रोजाना कपालभाति का अभ्यास जरूर करना चाहिए। इसके लिए आप घर के अंदर योग मैट पर पद्मासन में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की तरफ खींचें। आप इस प्राणायाम का अभ्यास 15-20 मिनट तक कर सकते हैं। इससे आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ेगी। साथ ही, अस्थमा और दमा जैसी बीमारियों के लक्षण भी कंट्रोल में रहेंगे।

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Anulom vilom

2. अनुलोम विलोम- Anulom Vilom Pranayam

प्रदूषित हवा में अनुलोम-विलोम करना भी फायदेमंद होता है। अगर आपके इलाके में भी प्रदूषण का स्तर अधिक है, तो आप घर पर ही प्राणायाम का अभ्यास जरूर करें। इसके लिए आप योग मैट पर पद्मासन में बैठकर आंखें बंद कर लें। अब अंगूठे को अपनी दाहिनी नासिका पर रखें। हल्का सा दबाएं और बाईं नासिक से सांस लें। इसके बाद, अनामिका उंगली को बाईं नासिक पर रखें और दाईं नासिक से सांस छोड़ दें। ऐसे ही आप दोनों नासिक से कर सकते हैं। इससे आपके फेफड़े मजबूत बनेंगे।

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3. भ्रामरी- Bhramari Pranayam

वायु प्रदूषण में भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करना लाभकारी हो सकता है। इसके लिए आप शांत वातावरण में घर पर बैठ जाएं। अब अपनी दोनों आंखें बंद कर लें। अपनी तर्जनी उंगलियों को दोनों कानों पर रखें। मुंह बंद रखें और नाक से सांस लें-छोड़ें। सांस छोड़ते समय ऊँ का उच्चारण करें। आप इस प्रक्रिया को 5-7 बार दोहरा सकते हैं।

ये तीन ब्रीदिंग एक्ससाइजेस काफी फायदेमंद होते हैं। इनका रोजाना अभ्यास करने से फेफड़ों को मजबूती मिलती है। 

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