Is It Safe To Drink Fennel Water During Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी में कई तरह के बदलाव शरीर में होते हैं। इस वजह से अक्सर प्रेग्नेंट महिला की असहजता बढ़ जाती है। कई बार, इस कारण उनका मूड स्विंग होता है, तो कभी फिजिकल प्रॉब्लम भी होने लगती है। इसमें ब्लोटिंग, पाचन से जुड़ी परेशानियां आदि भी शामिल हैं। अक्सर प्रेग्नेंट महिलाएं, इससे छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपायों की मदद लेती हैं। आप चाहें, तो किचन में पाए जाने वाले सौंफ का भी उपयोग कर सकती हैं। हमारे यहां सौंफ का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। खासकर, सौंफ का पानी पेट के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। यह बहुत ही लाभकारी और न्यट्रिएंट्स से भरा इंग्रीडिएंट है। लेकिन, सवाल ये उठता है कि क्या प्रेग्नेंट महिलाएं सौंफ के पानी का इस्तेमाल कर सकती हैं? इस संबंध में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
क्या प्रेग्नेंसी में सौंफ का पानी पी सकते हैं
एक्सपर्ट्स की मानें, तो प्रेग्नेंसी में सौंफ सीमित मात्रा में खाया जा सकता है। इससे कई तरह की छोटी-मोटी बीमारियों से राहत मिल जाती है। इनमें चक्कर आना, उल्टी आना, ब्लोटिंग और ओरल हेल्थ से जुड़ी कई परेशानियां भी दूर हो जाती हैं। इसी तरह, सौंफ का पानी भी पिया जा सकता है। इसमें कोई खराब नहीं है। लेकिन, यह जान लेना जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ज्यादा सौंफ का पानी या सौंफ नहीं खाना चाहिए। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग हो सकती है। अगर कंडीशन ज्यादा बिगड़ गई, तो मिसकैरिज भी हो सकता है। सौंफ के बीज ब्लड क्लॉटिंग के प्रोसेस को धीमा कर देता है। इसलिए, अगर किसी प्रेग्नेंट महिला को ब्लीडिंग डिसऑर्डर है, तो उन्हें भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसी तरह, सौंफ का पानी पीने से भी बचना चाहिए।
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प्रेग्नेंसी में सौंफ का पानी पीने के फायदे
डाइजेशन बेहतर होता हैः सौंफ के पानी में एनेथॉल नाम का एक तत्व पाया जाता है, जो कि डाइजेशन को बेहतर करने का काम करता है। दरअसल, यह डाइजेस्टिव मसल्स को रिलीफ कर पाचन क्षमता को बेहतर करती है। सौंफ का पानी पीने से गैस, पेट की अन्य समस्याएं भी खत्म होती हैं। जबकि प्रेग्नेंसी में ब्लोटिंग होना बहुत सामान्य है।
ब्लड शुगर कंट्रोल रहता हैः कई प्रेग्नेंट महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज हो जाता है। ऐसी कंडीशन में ब्लड शुगर को कंट्रोल करना बहुत जरूरी होता है। सौंफ का पानी पीने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
कब्ज की समस्या दूर होती हैः प्रेग्नेंसी में कब्ज होना आम बात है। सौंफ का सेवन करने से कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसी तरह, सौंफ का पानी भी कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
उल्टी की समस्या खत्म होती हैः प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिला को सुबह उठते ही मॉर्निंग सिकनेस हो जाता है। इस कंडीशन को कम करने में सौंफ का पानी कारगर है। यहां तक कि सीने में जलन जैसी समस्या भी सौंफ के पानी से दूर हो जाती है।
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प्रेग्नेंसी में सौंफ का पानी पीने के नुकसान
सौंफ ब्लड क्लॉटिंग के प्रोसेस को धीमा कर देता है। इसलिए, जिन प्रेग्नेंट महिलाओं को ब्लीडिंग डिसऑर्डर है, उन्हें इसका सेवन करने से बचना चाहिए। उन्हें सौंफ का पानी भी नहीं पीना चाहिए। इसके अलावा, सौंफ का पानी पीने से स्किन की सेंसिटिविटी बढ़ सकती है और यह मिसकैरिज के रिस्क को भी बढ़ा सकती है। विशेषज्ञों की मानें, तो सीमित मात्रा में सौंफ का पानी पिया जा सकता है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से प्रेग्नेंसी के दौरान नुकसान हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रेग्नेंसी में सौंफ का पानी पीने से क्या होता है?
प्रेग्नेंसी में सौंफ का पानी पीने से उल्टी, चक्कर आना, गैस और ब्लोटिंग जैसी कई परेशानियां दूर होती हैं।
गर्भावस्था के दौरान सौंफ के दुष्प्रभाव क्या हैं?
प्रेग्नेंसी में सौंफ सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में सौंफ खाने से ब्लड क्लॉटिंग की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसके अलावा, अधिक मात्रा में सौंफ खाने से मिसकैरिज का रिस्क भी बढ़ जाता है।
गर्भवती महिला को सौंफ खाने से क्या होता है?
प्रेग्नेंसी में सीमिता मात्रा में सौंफ खाने से कई तरह की शारीरिक समस्याएं, जैसे मॉर्निंग सिकनेस, ब्लोटिंग, कब्ज और गैसी दूर होती है। यहां तक कि सौंफ खाने से भूख भी बढ़ती है।
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