स्तन कैंसर भारत में महिलाओं को होने वाला सबसे आम कैंसर है। डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि भारत में हर 4 मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर का पता चलता है। तो सोचिए जब तक आप इस लेख को पढ़ना खत्म करेंगे, तब तक एक महिला को अपने स्तन कैंसर का पता चल जाएगा। इसलिए मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगी और इससे बचने का सीधा तरीका बताऊंगी। शराब का सेवन सीमित करना, वजन को कंट्रोल रखना और नियमित रूप से एक्सरसाइज करना स्तन कैंसर को रोकने के कुछ बेहतरीन तरीके माने जाते हैं। लेकिन हाल ही में हुए रिसर्चस में और भी कई जानकारियां दी गई हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-
1. शराब स्तन कैंसर को देता है बढ़ावा
डायटीशियन स्वाती बाथवाल शराब में एसीटैल्डिहाइड नामक विषैला यौगिक मौजूद होता है। यह यौगिक कार्सिनोजेन है और इसकी वजह से स्तन कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। शराब पीने के महज 5 सेकंड के अंदर शरीर में एसीटैल्डिहाइड का उत्पादन शुरू हो जाता है। इस स्थिति में यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि शराब स्तन कैंसर को बढ़ावा देता है। डायटीशियन स्वाती बाथवाल कहती हैं कि शराब स्तन कैंसर की कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकता है।
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2. परपल अंगूर स्तन कैंसर के खतरे को करता है कम
परपल अंगूर विशेष रूप से बीज के साथ खाने से शरीर में स्तन कैंसर की कोशिकाओं को रोकने में मददगार होती है। दरअसल, इस अंगूर का सेवन बीज के साथ करने से यह एस्ट्रोजन सिंथेज़ एंजाइम की गतिविधि को रोकता है, यह एंजाइम कैंसर की कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देता है। इसलिए रोजाना 1 गिलास ताजे परपल अंगूर के जूस का सेवन करना चाहिए। इसी तरह मशरूम, स्ट्रॉबेरी और अनार का सेवन करने से भी स्तन कैंसर से बचाव किया जा सकता है। रिसर्च में बताया गया है कि रोजाना आधा कप सफेद मशरूम का सेवन करने से स्तन कैंसर का खतरा 64 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
3. एक्सरसाइज है जरूरी
शारीरिक गतिविधि करने से न सिर्फ शरीर कंट्रोल होता है, बल्कि इससे शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर भी कम होता है। आदर्श रूप सप्ताह में 5 घंटे एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। इससे शरीर में इन हार्मोस का स्तर करीब 20% तक कम कर सकते हैं। ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए सप्ताह में कम से कम 5 दिन करीब 45 मिनट एक्सरसाइज करना चाहिए।
4. मेलाटोनिन हार्मोंस स्तन कैंसर से करे बचाव
शरीर में मौजूद मेलाटोनिन हार्मोंस (Melatonin) से ही हमारी नींद कंट्रोल होती है। शरीर में पर्याप्त रूप से मेलाटोनिन हार्मोंस होने से स्तन कैंसर का खतरा कम होता है। पीनियल ग्रंथि (pineal gland) द्वारा यह हार्मोन स्रावित होता है, जो हमारे मस्तिष्क के ठीक बीचों-बीच मौजूद होती है और यह आंखों से जुड़ी होती है। डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि दिन के समय यह ग्रंथि निष्क्रिय रहती है और जैसे ही हमारे आसपास डार्कनेस शुरू होती है। वैसे ही यह हार्मोन सक्रिय होने लगता है। रात के समय कृत्रिम प्रकाश (artificial light) मेलाटोनिन हार्मोंस को दबा सकता है। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके शरीर में मेलाटोनिन हार्मोंस का उत्पादन हो, तो सोते समय बल्ब की रोशनी से बचें। लाइट बंद करके सोने से मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर नियंत्रित होता है, जिससे नींद अच्छी आती है।
5. सोया (Soy) से स्तन कैंसर का खतरा होता है कम
सोया फाइटोएस्ट्रोजन (phytoestrogen) का एक वर्ग है, जिसे आइसोफ्लेवोन्स (isoflavones) भी कहा जाता है। यह एस्ट्रोजन की तरह कार्य करता है। लेकिन रिसर्च में यह देखा गया है एस्ट्रोजन रिसेप्टर्स (estrogen receptors) 2 प्रकार के होते हैं, अल्फा और बीटा रिसेप्टर्स। हमारे शरीर में मौजूद प्राकृतिक एस्ट्रोजन अल्फा रिसेप्टर्स से बंधा होता है। वहीं, सोया एक प्लांट एस्ट्रोजन है, जो बीटा रिसेप्टर्स से बंधा होता है। सोया हमारे शरीर को स्तन कैंसर से बचाव करने में मददगार होता है। सोया बीआरसीए जीन (BRCA genes) को पुन: सक्रिय करके स्तन कैंसर के खतरे को कम करता है। इसलिए अपने आहार में सोया को जरूर शामिल करें। डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि सप्ताह में 2 से 3 बार सोया को हमें अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
6. कोलेस्ट्रॉल का स्तन न करें हाई
खराब कोलेस्ट्रॉल ( LDL cholesterol) का उच्च स्तर स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि ऐसा माना जाता है कि कैंसर कोशिकाएं एस्ट्रोजन बनाने के लिए इन्हीं खराब कोलेस्ट्रॉल का उपयोग करती हैं। इस स्थिति में आंवला पाउडर या प्राकृतिक रूप से पौधे आधारित भोजन का सेवन करके हाई कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है। जिससे आप स्तन कैंसर के खतरों को भी कम कर सकते हैं।
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7. अलसी का बीज कैंसर से करे बचाव
अलसी का बीज लिग्नान (lignans) से भरपूर होता है। एक फाइटोएस्ट्रोजेंस (phytoestrogens) जो शरीर में एस्ट्रोजन के प्रभाव को कम करने में हमारी मदद करता है। ऐसे में यह स्तन कैंसर से बचाव के लिए अच्छा माना जा सकता है। किसी अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अलसी मे समृद्ध रूप से लिग्नान मौजूद होता है। डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि स्तन कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने के लिए रोजाना 1 चम्मच अलसी का सेवन करें। इसके अलावा आप इसका सेवन चपाती के साथ, ओट्स, सलाद, दाल इत्यादि के साथ कर सकते हैं।
8. अपनाएं मीट खाने का सही तरीका
हेटरोसायक्लिक एमाइन (Heterocyclic amines) मांस में पाए जाने वाले केमिकल है। यह पोर्क मीट, चिकन और मछली के मीट में पाया जाता है। डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि जब आप मीट को लंबे समय तक पकाते (100 डिग्री से अधिक गर्म) हैं, तो यह एचसीए केमिकल्स (HCA chemicals) का उत्पादन कर सकता है। जो कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ावा देता है। इसलिए मीट को ज्यादा पकाकर नहीं खाना चाहिए। हमेशा मीट को उबालना खाएं। इसे ज्यादा भूनें नहीं।
9. हरी सब्जियां स्वस्थ रहने के लिए है जरूरी
लिवर में डिटॉक्सिफाइंग एंजाइम की गतिविधि को बढ़ावा देने में ब्रोकली, कोलार्ड साग, पालक इत्यादि हरी सब्जियां मददगार होती हैं। कम फल और सब्जियां का सेवन करना अनहेल्दी माना जाता है। भरपूर रूप से फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करने से कैंसर होने का खतरा कम होता है। साथ ही इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम होता है।
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हाई फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से प्रीमेनोपॉज़ल उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर की संभावना को 85% तक कम किया जा सकता है। बेहतर रिजल्ट के लिए एक दिन में कम से कम 25 ग्राम फाइबर का सेवन करें। अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं, तो एक दिन में अलग-अलग रंगों की 3 कप कच्ची सब्जियां और 2-3 ताजे फलों का सेवन करें।
10. ग्रीन टी कैंसर का खतरा करे कम
डायटीशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि दिन में कम से कम 3 से 4 कप ग्रीन टी का सेवन करने से स्तन कैंसर के खतरे को 30 फीसदी तक कम किया जा सकता है। इसलिए ग्रीन टी का जरूर सेवन करें।
ध्यान रखें कि कैंसर के खतरों से बचने के लिए आप दिए गए टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। इन रुटीन को फॉलो करने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। लेकिन अगर आपको कैंसर होने का खतरा है, तो नियमित रूप से अपनी जांच कराएं। साथ ही जरूरी नियमों को फॉलो करें।