Old Wives Tales Baby Gender Prediction: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के मन में यह ख्याल जरूर आता है कि उनकी गर्भ में पल रहा शिशु लड़की है या लड़का। हालांकि सरकार के कानूनों के अनुसार गर्भ में पल रहे शिशु या भ्रूण के लिंग की पहचान करना गैरकानूनी है और इसके लिए सजा भी हो सकती है। लेकिन पुराने समय से ही महिलाएं कुछ लक्षणों और शरीर में होने वाले बदलाव के जरिए यह पता करने की कोशिश करती हैं, कि गर्भ में पल रहा शिशु लड़की है या लड़का। पुराने जमाने से ही दाई मां से लेकर बुजुर्ग महिलाएं गर्भवती महिलाओं का पेट और शरीर देखकर यह बताने की कोशिश करती थीं कि गर्भ में पल रहा शिशु का लिंग क्या है? लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर ये तरीके कौन से हैं और क्या वाकई कुछ लक्षणों को देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग क्या है?
सेहत और खानपान से जुड़ी ऐसी बातों की सच्चाई बताने के लिए हम 'धोखा या हकीकत' नाम से एक सीरीज चला रहे हैं। इसके तहत हम आपको ऐसी ही बातों की सच्चाई डॉक्टर या एक्सपर्ट के जरिए देने की कोशिश कर रहे हैं। ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल Fact Check सीरीज 'धोखा या हकीकत' में आइए जानते हैं, क्या वाकई कुछ लक्षणों को देखकर पता लगाया जा सकता है कि गर्भ में लड़का है या लड़की?
क्या वाकई कुछ लक्षणों को देखकर पता चल सकता है कि गर्भ में लड़का है या लड़की?- Old Wives Tales Baby's Gender Prediction Myths in Hindi
मेडिकल साइंस की तरक्की के बाद अल्ट्रासाउंड के माध्यम से यह पता लगाया जाता था कि गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की। लेकिन सरकार ने इस पर रोक लगाकर इसे गैरकानूनी कर दिया है। इसके बाद कुछ लोग प्रेग्नेंसी में पुराने जमाने में अजमाए जाने वाले तरीकों से यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि गर्भ में लड़का है या लड़की। स्टार मैटरनिटी हॉस्पिटल की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी कहती हैं कि, "प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में तमाम तरह के शारीरिक बदलाव होते हैं, लेकिन इन बदलावों को देखकर गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। लोग शारीरिक बदलाव और संकेतों के आधार पर अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं, जो कि पूरी तरह से अवैज्ञानिक माना जाता है। इनमें से कुछ लोगों का अनुमान सही हो जाता है और कुछ लोगों का गलत।"
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पुराने जमाने से ही लोग इन लक्षणों को देखकर शिशु के लिंग का पता लगाने की कोशिश करते हैं, आइये जानते हैं इनकी हकीकत-
1. हार्टबर्न- Heartburn
गर्भावस्था में सीने में जलन या हार्टबर्न की समस्या आम है। लेकिन पुराने समय में यह कहा जाता था कि लगातर और तेज जलन होने का संकेत लड़की का है और कम जलन का अनुभव होने का मतलब है कि गर्भ में लड़का पल रहा है। डॉक्टर कहती हैं कि गर्भावस्था में शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से हार्टबर्न जैसी स्थिति होती है, इसका शिशु के लिंग से कोई लेना-देना नहीं है।
2. क्रेविंग- Cravings
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से फूड क्रेविंग होती है। इसको लेकर यह मान्यता है कि अगर गर्भवती महिला को मीठी चीजों की क्रेविंग हो रही है, तो लड़की होगी और अगर क्रेविंग नमकीन या खट्टी चीजों की हो रही है, तो गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है। हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं है, इसके पीछे का वैज्ञानिक तथ्य यह है कि शरीर में हॉर्मोन के असंतुलन की वजह से फूड्स क्रेविंग हर महिला में अलग-अलग हो सकती है।
3. स्किन में बदलाव- Skin Changes
गर्भवती महिलाओं की स्किन में होने वाले बदलाव से यह पता लगाने की कोशिश की जाती थी कि लड़का होगा या लड़की। कहा जाता है कि महिला की स्किन अगर ड्राई है तो लड़का होगा और ऑयली स्किन वाली महिला को लड़की होगी। हालांकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है और यह दावा भी मिथक मात्र है।
4. मॉर्निंग सिकनेस- Morning Sickness
ऐसा कहा जाता है कि गर्भवती महिलाओं को अगर मॉर्निंग सिकनेस और उल्टी ज्यादा होती है, तो लड़की होगी और अगर कम होती है, तो लड़का होगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है, गर्भावस्था के दौरान हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (एचजी) की वजह से और शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से यह होता है।
5. लिनिया नाइग्रा की लंबाई- Linea Nigra Length
प्रेग्नेंसी के दौरान पेट पर एक लाइन बन जाती है, जिसे लिनिया नाइग्रा कहते हैं। यह माना जाता है कि अगर लिनिया नाइग्रा आपकी नाभि के नीचे से शुरू होती है, लड़की होगी और अगर ऊपर से शुरू होती है, तो लड़का होगा। डॉक्टर कहती हैं कि गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से मेलेनिन का प्रोडक्शन उत्तेजित होता है और इसकी वजह से भी लिनिया नाइग्रा की स्थिति हर महिला में अलग होती है।
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इन लक्षणों और संकेतों के अलावा कई और लक्षण भी हैं, जिनकी सहायता से गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग की पहचान करने की कोशिश की जाती है। लेकिन इन संकेतों से लिंग का पता लगाने के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार या तथ्य नहीं है।
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