दिवाली के मौके पर हम काफी ढेर सारी मिठाई खाते हैं। इस साल दिवाली के दिन काफी अजीब सा संयोग बना है। एक ओर जहां दिवाली में हम ढेर सारी मिठाईयां खाते हैं। वहीं, दूसरी ओर इस साल की दिवाली के दिन ही वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जा रहा है। दिवाली के इस शुभ अवसर पर आज हम डायबिटीज के रोगियों को हेल्दी दिवाली टिप्स देने जा रहे हैं। ताकि वे इस दिवाली खुद को स्वस्थ रख सकें। हमारी डायटिशियन स्वाति बाथवाल डायबिटीज के रोगियों को दिवाली पर कुछ स्पेशल टिप्स शेयर कर रही हैं, जिससे उनका ब्लड शुगर लेवल ना बढ़ और वे स्वस्थ दिवाली मना सके। आइए जानते हैं डायबिटीज रोगियों के लिए कुछ हेल्दी टिप्स-
डायबिटीज रोगी कैसे मनाएं हेल्दी दिवाली
स्वाति के अनुसार, फिट और हेल्दी रहने के लिए स्वस्थ दिनचर्या की जरूरत होती है। दिवाली पर खाने से किसी तरह की समस्या नहीं होती, बल्कि पसंदीदा चीजों के ओवरडोज से हमें समस्या हो सकती है। इसलिए दिवाली पर पसंदीदा चीजें खाएं, लेकिन जरूरत से ज्यादा खाने से बचें। चलिए स्वाति से जानते हैं कैसे हेल्दी और हैप्पी तरीके से डायबिटीज रोगी दिवाली मना सकते हैं।
एक दिन छूट देना कितना शरीर को करता है प्रभावित
अगर आप दिवाली के दिन ओवरडोज करते हैं, तो आपका शुगर लेवल बढ़ सकता है, जिसे कंट्रोल करने में दो दिन लग जाएगा। मिठाई में ज्यादा ग्लाइकोज होता है, जो शरीर के लिए नुकसानदायी हो सकता है। ज्यादा ग्लाइकोद का सेवन करने से वजन भी बढ़ने की संभावना होती है। हां, लेकिन दिवाली पर आप अपनी पसंदीदा मिठाई 1-2 जरूर खाएं, इससे सेहत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
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ब्लड शुगर मॉनिटर करना कितना है जरूरी
ब्लड शुगर का मॉनिटर करना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इससे हम अपने डाइट पर कंट्रोल कर सकते हैं। खासतौर पर अगर हम इंसुलिन ले रहे हैं, तो शरीर में इंसुलिन की मात्रा ओवर ना हो जाए, इसलिए ब्लड शुगर को मॉनिटर करना जरूरी है। खासतौर पर दिवाली और त्यौहार जैसे उत्सवों पर शुगर मॉनिटर करना जरूरी है।
घर में बनी मिठाई VS बाहार की मिठाई
स्वाती बाथवाल कहती हैं कि घर पर बनी मिठाई ज्यादा हाइजीन होती है। मिठाई बनाने के दौरान हम घर पर ज्यादा हाइजीन का ख्याल रखते हैं। इसके साथ ही घर पर बनी मिठाई की क्वालिटी ज्यादा अच्छी होती है। घर पर हम रिफाइंड ऑयल की जगह घर पर घी का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, बाजार की बनी मिठाई अनहाइजीन होने की संभावना होती है। वहीं, वह मिठाई बनाने के लिए किस तरह के तेल का इस्तेमाल करते हैं। उसके बारे में कहा नहीं जा सकता है। इसलिए त्यौहारों और उत्सवों पर घर पर बनी मिठाई ज्यादा बेहतर होता है।
आर्टिफिशियल VS नेचुरल शुगर
स्वाति बाथवाल कहती हैं कि आर्टिफिशियल शुगर को यूज ना करें, यह केमिकलयुक्त होता है। केमिकलयुक्स शुगर भले डायबिटीज रोगियों को फायदा पहुंचा ना सकें, लेकिन नुकसान जरूर पहुंचा सकती हैं। अगर आप जीरो कैलोरी का मीठा स्वीटनर का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो बहुत से प्लांट के स्वीट या फिर सीरम मार्केट में मिलते हैं, तो डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
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इसके अलावा आप मिठाई में गुड़ का पाउडर, खजूर का सीरफ और खांड जैसी चीजें मिठाई में यूज करते हैं, जो डायबिटीज के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि इन सभी चीजों का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में करें।
दीवाली की मिठाईयों में किस तरह के तेल का करें इस्तेमाल
डायबिटीज रोगियों के लिए थोड़ी सी मात्रा में फैट अच्छा होता है। आप दिन में 1-2 चम्मच घी, मूंगफली का तेल, तिल का तेल जैसे ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्वाति के अनुसार हमारे डाइट में 20 फीसदी फैट होना चाहिए, बशर्ते यह हेल्दी फैट हों।
दिवाली पर कौन सा ड्रिंक होता है बेहतर
मार्केट के ड्रिंक्स से कहीं ज्यादा बेहतर घर के ़ड्रिंक्स होते हैं। बाहर के किसी तरह के सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन ना करें। नींबू का शरबत पीना आपके लिए ज्यादा बेहतर होता है। जीरो कैलोरी और फैट का दावा करने वाली कंपनियों की मार्केटिंग फंडा होता है, इसलिए घर में तैयार ड्रिंक का सेवन करें। स्वाति बाथवाल ने कहा दिवाली पर एल्कोहल का सेवन ना करें, यह आपके ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है।
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