ऑफिस में 9 से 6 बजे तक काम करने वाले कई कर्मचारी ऐसे होते हैं, जिन्हें पूरा दिन अपने डेस्क से हिलने का भी समय नहीं मिल पाता है। देर तक एक ही स्थान पर बैठकर काम करने से कमर, गर्दन, पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है। कई बार तो लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आ सकते हैं। क्या आप भी उन्हीं में से एक हैं, जो अपने डेस्क पर लंबे समय तक बैठे रहने के बाद किसी भी तरह का दर्द महसूस करते हैं? अगर हां, तो परेशान न हो, फिटनेस एक्सपर्ट शुभ्रा सिंह ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर ऐसे ही 5 एक्सरसाइजों के बारे में बताया है। शुभ्रा सिंह का कहना है कि, “लंबे समय तक डेस्क पर बैठे रहने के खतरों में दिल से जुड़ी बीमारी, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, टाइप 2 डायबिटीज, गर्दन और कंधे में दर्द और क्रोइसैन जैसी समस्या हो सकती हैं।” खुद को हेल्दी रखने के लिए आप रोजाना इन 5 एक्सरसाइजों को अपने रूटीन में शामिल करें। तो आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं इन एक्सरसाइज को करने के फायदों के बारे में।
लंबे समय तक डेस्क पर बैठे रहने वाले रोजाना करें ये 5 एक्सरसाइज - 5 Exercise To Combat Prolonged Desk Sitting in Hindi
1. वर्ल्ड ग्रेटेस्ट स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज -
- यह एक्सरसाइज कूल्हों और ग्लूट्स को गतिशील बनाता है।
- टी-स्पाइन को सक्रिय करने में मदद करता है।
- हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को गतिशील बनाता है।
2. काउच स्ट्रेच एक्सरसाइज -
- ये एक्सरसाइज आपके हिप फ्लेक्सर्स को खोलने में मदद करता है।
- इसे करने से कमर और पैर के दर्द से राहत मिल सकती है।
- शरीर के निचले हिस्से की गतिशीलता को बढ़ाने में मदद करता है।
3. पैसिव बार हैंग एक्सरसाइज -
- ये एक्सरसाइज आपके पॉश्चर में सुधार करने में मदद करता है।
- यह एक्सरसाइझ रीढ़ की हड्डी को डिकम्प्रेस करता है।
- कंधे के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में फायदेमंद है।
- आपके हाथों के पकड़ की ताकत बढ़ती है।
4. फेस पुल्स एक्सरसाइज -
- पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करें।
- शरीर की मुद्रा और कंधे के स्वास्थ्य में सुधार करता है।
- इस एक्सरसाइज के कम से कम 12 से 15 सेट्स करने का लक्ष्य रखें।
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5. पैदल चलना -
- रोजाना 4000 कदम चलने का लक्ष्य रखें, ऐसा करने से आप किसी भी बीमारी के होने का जोखिम 50% तक कम करत सकते हैं।
- ब्रेन हेल्थ के लिए बीडीएनएफ (ब्रेन डेरिवाइड न्यूरोट्रॉफिक कारक) को उत्तेजित करता है।
- रचनात्मकता को बढ़ावा देता है और तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है।
- इसे आपमें से प्रत्येक के लिए एक जागृति कॉल समझें। इन अभ्यासों को प्राथमिकता दें और गतिहीन कार्य आदतों से जुड़े जोखिम कारकों से मुक्त हो जाएं।
Image Credit : Freepik