पेरेंट्स बच्चों को मजबूत बनाने के लिए छोटी-छोटी बातों पर उन्हें पीटने लगते हैं, ऐसे में आइए जानते हैं, बच्चे को भावनात्मक रूप से मजबूत कैसे बनाएं?
माता-पिता अपने बच्चों को कम उम्र से ही अपने बच्चे को मानसिक तौर पर मजबूत करने के लिए उनके साथ कठोरता से पेश आने लगते हैं। पेरेंट्स को लगता है कि बच्चे के साथ नरमी से पेश आने पर वे नाजुक बन जाएंगे या बिगड़ जाएंगे और भविष्य में आने वाली समस्याओं का सामना करने में सक्षम नहीं रहेंगे। इसकी वजह से वे बच्चे के साथ हाथापाई पर भी आ जाते हैं, और छोटी-सी छोटी गलती पर भी उन्हें मारने-पीटने लगते हैं। अगर आप भी अपने बच्चे को मजबूत बनाने कि लिए इस तरह का कदम उठाते हैं, तो उससे पहले आइए जान लेते हैं कि इस बारे में पर्सनल ट्रांसफॉर्मेशन थेरेपिस्ट रीरी त्रिवेदी का क्या कहना है।
पर्सनल ट्रांसफॉर्मेशन थेरेपिस्ट रीरी त्रिवेदी का कहना है कि बहुत से माता-पिता मुझसे पूछते हैं, "अगर हम कठोर सजा नहीं देंगे तो बच्चे दुनिया का सामना करने के लिए कैसे सख्त बनेंगे?" आगे उन्होने कहा, “माता-पिता का मानना है कि बच्चे की पिटाई बच्चे को घर से बाहर की कठिन दुनिया के लिए तैयार करती है - और पिटाई से उनमें लचीलापन पैदा होता है और वे सख्त हो जाते हैं।” जबकि खुद थेरेपिस्ट रीरी त्रिवेदी का मानना है, “पिटाई या हिंसा बच्चों को मजबूत बनाती है, लेकिन इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि यह कैसे उनके मानसिक स्वास्थ्य को कमजोर करता है और उनको इमोशनली भी वीक बनाता है। माता-पिता डरते हैं कि अगर बच्चे हिंसा और दंड के बिना बड़े होंगे तो वे दुनिया का सामना करने के लिए तैयार नहीं हो पाएंगे। बच्चों को सख्त मार-पीट के बिना भी बनाया जा सकता है, क्योंकि जो बच्चे सकारात्मक पालन-पोषण के माहौल में बड़े होते हैं, वे मजबूत और आत्मविश्वासी होने के साथ-साथ संवेदनशील और दयालु भी बनते हैं।”
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बच्चों को बात-बात पर मारने-पीटने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ता है, जिससे वे एंजाइटी, डिप्रेशन और तनाव के शिकार हो सकते हैं।
कई बार बच्चों को पीटने से उनका व्यवहार काफी आक्रामक हो सकता है और दिमाग के विकास पर भी असर पड़ सकता है।
मार खाने से बच्चों में गुस्सा उपज सकता है, जिससे बड़े होने पर उनमें भावनात्मक समस्याएं होने की संभावना बढ़ सकती है।
अगर आप भी उन्हीं माता-पिता में से एक हैं, जो बच्चे को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उन्हें मारते या पीटते हैं, तो आज से ही अपने तरीके में बदलाव करें। आपके इस बर्ताव से बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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