माइग्रेन मौजूदा दौर में बढ़ती एक आम समस्या है। माइग्रेन ने देश के लगभग तीन चौथाई लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया हुआ है और सबसे अधिक प्रभावित है युवा वर्ग। बुखार या किसी और कारण से होने वाला सिरदर्द ज्यादा दर्दनाक नहीं होता है, लेकिन माइग्रेन से होने वाला दर्द असहनीय होता है। असहनीय सरदर्द का कारण माइग्रेन ही नहीं बल्कि ट्यूमर ,हिमोरेग ,मेनिनजाइटिस जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। न्यूरोलोजिकल इवैल्युएशन, फिज़िकल एक्जा़म और बहुत से टेस्ट करके सर दर्द के कारणों को जाना जा सकता है। इस बात का पता लगाना बहुत जरूरी है कि सिरदर्द का कारण कहीं हाइपरटेंशन, इन्फेक्शन या बुखार तो नहीं। अगर आपको माइग्रेन है या आपके परिवार में माइग्रेन के कारण सिरदर्द का इतिहास है, तो आपका डॉक्टर आपके चिकित्सीय इतिहास के आधार पर आपका इलाज करेगा।
वह आपके लक्षणों का आंकलन करने के बाद शारीरिक और न्यूरोलॉजिक जांच करेगा। यदि आपकी परिस्थिति असामान्य है, गंभीर है अथवा आप दर्द के कारण आप अचानक बेहद तकलीफ में आ जाते हैं, तो डॉक्टर दर्द के अन्य संभावित कारणों की पुष्टि के लिए कुछ जांच करने की सलाह भी दे सकता है।
रक्त जांच
डॉक्टर रक्तवाहिनियों की समस्याओं का पता लगाने के लिए रक्त जांच करने को कह सकता है। इसके साथ ही इस जांच से वह स्पाइनल कोड अथ्वा मस्तिष्क में होने वाली संभावित समस्याओं के बारे में पता लगाने का प्रयास करता है। रक्त जांच से डॉक्टर को आपके सिस्टम में मौजूद विषैले पदार्थों के बारे में भी पता लग जाता है।
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सीटी स्कैन
कंप्यूटराइज टोमोग्राफी यानी सीटी स्कैन में एक्स-रे किरणों की एक श्रृंखला के जरिये मस्तिष्क की विस्तृत तस्वीर तैयार की जाती है। इससे डॉक्टर को ट्यूमर, संक्रमण, क्षतिग्रस्त मस्तिष्क, मस्तिष्क में रक्त बहना और अन्य संभावित चिकित्सीय समस्याओं के बारे में पता चल सकता है। डॉक्टर ऐसा इसलिए करता है क्योंकि वह पुष्टि करना चाहता है कि कहीं सिरदर्द के पीछे कोई अन्य कारण तो नहीं है।
एमआरआई
मैगनेटिक रिसोन्सेंसे इमेजिंग यानी एमआरआई करवाकर डॉक्टर कुछ जरूरी बातों के बारे में पुख्ता जानकारी इकट्ठा करता है। एमआरआई वास्तव में चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगें को कहा जाता है। ये क्षेत्र और तरंगे आपके मस्तिष्क और रक्तवाहिनियों का विस्तृत चित्र तैयार करते हैं। एमआरआई स्कैन से डॉक्टर को ट्यूमर, स्ट्रोक, मस्तिष्क में रक्तस्राव, संक्रमण और मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम से जुड़ी अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल करते हैं।
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स्पाइनल टेप
यदि आपके डॉक्टर को इस बात का संदेह हो कि दर्द के पीछे संक्रमण या मस्तिष्क में रक्तस्राव जैसी समस्यायें हो सकती हैं, तो वह स्पाइनल टेप करवाने की सलाह देते हैं। इस प्रक्रिया में एक पतली सुई मेरूदण्ड के अस्थिखण्ड कशेरुका में प्रवेश कराई जाती है। कमर के निचले हिस्से में स्थित इस सुई से अस्थि से सैंपल निकालकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाता है।
माइग्रेन के कारक
- कैफीन का अत्यधिक उपभोग या नियमित उपभोग में कटौती।
- तनाव, अनिद्रा या नींद पूरी ना होना।
- हार्मोन स्तर में परिवर्तन।
- यात्रा या मौसम में परिवर्तन।
- दर्द-निवारक दवाओं का ज्यादा प्रयोग।
माइग्रेन के अन्य कारण हो सकते हैं: तनाव, अपच, उच्चे रक्तचाप, खानपान की गलत आदतें, अनिद्रा या अधिक श्रम। यह अनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है।
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