मौसम के बदलने का असर हमारी सेहत पर भी पड़ने लगता है। गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में हाई बीपी की शिकायत रहने की शिकायत अधिक होती है। मौसम के बदलते मिजाज का असर आपके रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) पर भी पड़ सकता है। गर्मियों में जहां रक्तचाप अपेक्षाकृत कम रहता है, वहीं सर्दी के मौसम में रक्तचाप बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
क्या होता है हाई बीपी
उच्च रक्तचाप अथवा हाइपरटेंशन, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है। इसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव बढ़ने के कारण धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए दिल को सामान्य से अधिक काम करने की जरूरत पड़ती है। रक्तचाप में दो माप शामिल होते हैं। सिस्टोलिक और डायस्टोलिक नाम के ये दो माप इस बात पर निर्भर करते हैं कि हृदय की मांसपेशियों में संकुचन (सिस्टोल) हो रहा है या धड़कनों के बीच तनाव मुक्तता (डायस्टोल) हो रही है। आराम के समय पर सामान्य रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक (उच्चतम-रीडिंग) और 60-90 mmHg डायस्टोलिक (निचली-रीडिंग) की सीमा के भीतर होता है। यदि यह लगातार 90/140 mmHg पर या इसके ऊपर बना रहे, तो उच्च-रक्तचाप होता है।
मौसम का असर बीपी पर
अमेरिका के कुछ शोधकर्ताओं ने एक शोध में खुलासा किया कि मौसम के बदलने का सीधा संबंध हमारे ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। वाशिंगटन स्थित यूएस डिपार्टमेंट ऑफ वेटरन अफेयर्स मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने उच्च रक्तचाप के शिकार करीब साढ़े चार लाख लोगों पर अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि सर्दी में लोगों का रक्तचाप सामान्य से ऊपर चला जाता है, क्योंकि इस मौसम में लोग नमक का अधिक सेवन करते हैं।
साथ ही मौसम का असर ऐसा होता है कि आलस के कारण लोग कसरत करना भी नहीं चाहते। गर्मियों में लोगों को खाने की इच्छा कम होती है और उनका वजन तेजी से घटता है। साथ ही कसरत करने के लिहाज से भी यह मौसम लोगों के लिए अनुकूल होता है।
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