Covid 19 JN.1 Sub Variant: JN.1 कोरोना का एक सब वैरिएंट है, जो पहली बार लक्जमबर्ग में पाया गया था।
Covid 19 JN.1 Sub Variant: देश में कोरोना वायरस का डर एक बार फिर से बढ़ने लगा है। चीन, सिंगापुर और अमेरिका के बाद अब कोरोना का नया वैरिएंट JN.1 भारत में दस्तक दे चुका है। कोरोना के नए JN.1 वैरिएंट का मामला केरल में मिला है। देश में इस वैरिएंट का यह पहला मामला है। देश में JN.1 वैरिएंट का पहला मामला मिलने से सरकार अलर्ट पर है। केंद्र सरकार ने राज्यों को कोविड कंट्रोल के लिए नयी एडवाइजरी जारी की है। नए दिशानिर्देश के मुताबिक आने वाले दिनों में त्योहारों की वजह से भीड़भाड़ को कंट्रोल करने से लेकर, सार्वजानिक स्थलों पर उचित प्रबंध का ध्यान रखने पर जोर देने को कहा गया है। इस नई एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि राज्यों को कोरोना के साथ-साथ इंफ्लूएंजा जैसी बीमारियों के जिलेवार आंकड़ों पर नजर रखनी चाहिए।
चीन में एक बार फिर से चिंता का कारण बन चुका कोरोना का नया JN.1 वैरिएंट भारत में भी आ गया है। इस नए वैरिएंट का पहला मामला केरल में दर्ज किया गया है। JN.1 वैरिएंट का पहला मामला केरल में 8 दिसंबर में सामने आया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक महिला में यह वैरिएंट मिला था। हालांकि, महिला अब बीमारी से पूरी तरह ठीक हो चुकी है। भारत में इस नए वैरिएंट के दस्तक से केंद्र सरकार अलर्ट हो गयी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर सरकार की नई गाइडलाइन का पालन करने को कहा है।
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केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करने की सलाह देते हुए पत्र में यह कहा गया है कि राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के जिलेवार मामलों पर भी नजर बनाए रखनी चाहिए। इन मामलों की निगरानी के बाद इसे रिपोर्ट करने के भी निर्देश दिए गए हैं। राज्यों को यह सलाह दी गयी है कि टेस्टिंग और आरटी-पीसीआर व एंटीजन जांच की व्यवस्था पूरी होनी चाहिए।
JN.1 कोरोना का एक सब वैरिएंट है, जो पहली बार लक्जमबर्ग में पाया गया था। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह नया वैरिएंट पिरोला वैरिएंट (BA.2.86) से बना है। इस वैरिएंट के स्पके प्रोटीन में उत्परिवर्तन अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा है। इसीलिए यह चिंता जताई जा रही है कि यह वैरिएंट तेजी से फैल सकता है। भारत में जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला 8 दिसंबर को केरल में मिला था। एक महिला मरीज इस वैरिएंट से संक्रमित पायी गयी थी।
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कोरोना के नए JN.1 वैरिएंट से संक्रमित होने पर मरीज को बुखार, नाक बहना, गले में खराश और सिरदर्द जैसी परेशानियां होती हैं। इसके अलावा मरीजों को सांस से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद 5-6 दिनों तक ये लक्षण मरीज में दिखाई देते हैं।
जेएन.1 वैरिएंट को लेकर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मीडिया से कहा कि कोविड-19 का नया वैरिएंट JN.1 चिंता का विषय नहीं है। इसके अलावा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) भी लगातार इसकी निगरानी कर रहा है। कोरोना के इस नए वैरिएंट के सामने आने पर दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ गयी है। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन का असर इस वैरिएंट पर उतना ही होता है। इसलिए लोगों को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, लक्षण दिखने पर जांच कराने के बाद डॉक्टर की देखरेख में इलाज लेने की सलाह दी गयी है।
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