"मानवता के 3 सबसे बड़े दुश्मन हैं: बुखार, भुखमरी और युद्ध। इनमें से अब तक का सबसे बड़ा और भयावह दुश्मन है, बुखार।"- सर विलियम ओस्लर
आज साल 2021 का World Vegetarian Day है। ऐसा पहली बार और आशा करती हूं कि अंतिम बार हो, कि ये दिन कोविड-19 महामारी के बीच आया है। अगर आप कोविड-19 वायरस या किसी भी महामारी फैलाने वाले वायरस या अब तक की सभी महामारियों की शुरुआत के बारे में पता लगाएं, तो आपको इसका स्रोत कोई जानवर ही मिलेगा।
Jay Leno ने एक बात कही थी, "पहले जहां चिकन सूप फ्लू का इलाज करने में मदद करता था, वहीं आज से फ्लू का कारण बन चुका है"- मैं अपनी तरफ से ये दावा नहीं कह रही हूं कि वीगन ही दुनिया की सबसे अच्छी डाइट है। लेकिन मॉर्डन साइंस ने इस बात को माना है कि पौधों से मिलने वाला भोजन अन्य स्रोतों से मिलने वाले भोजन की अपेक्षा ज्यादा फायदेमंद और सेहतमंद होता है। अल्जाइमर, हार्ट अटैक, कैंसर, डिप्रेशन, डायबिटीज, इंफ्लेमेशन और दूसरी न जाने कितनी सारी बीमारियों खासकर मोटापे की एक वजह है, और वो है एनिमल प्रोडक्ट्स और फूड्स यानी जानवर आधारित आहारों का सेवन करना। कुछ बुद्धिमान लोग सवाल कर सकते हैं कि ऐसा पहले के समय तो नहीं था, फिर आज क्यों है। इसका सीधा सा जवाब है कि पहले के समय में जानवर ज्यादातर जंगलों में रहते थे और वहीं प्राकृतिक चीजें खाकर बढ़ते थे या फिर फार्म्स में बहुत कम एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल के द्वारा पाले जाते थे। तब जानवर ज्यादा स्वछंद थे, इधर-उधर घूमते थे। उस समय गाय घास खाती थीं और हरी घास खाने से बनने वाला दूध हमें मिलता था। लेकिन अब हमें जिस क्वलिटी का दूध जानवरों से मिलता है वो आमतौर पर A1 प्रोटीन क्वालिटी का होता है जो व्यक्ति में इम्यून सिस्टम से जुड़ी कुछ परेशानियां पैदा कर सकता है। वहीं देसी गायों से मिलने वाला A2 क्लाविटी का दूध आज भी A1 क्वालिटी के दूध से ज्यादा फायदेमंद है। इसलिए कुछ हद तक तो इस बात का दावा किया जा सकता है कि वीगन डाइट अच्छी तरह बैलेंस होती है इसलिए एक अच्छा जीवनशैली विकल्प है।
प्रोटीन (Protein)
कुछ लोगों को लगता है कि शुद्ध शाकाहारी लोग एथलीट्स नहीं हो सकते हैं। लेकिन ये एक बहुत बड़ा भ्रम है। प्रोटीन हमारे शरीर के लिए निश्चित ही एक जरूरी तत्व है, जो मांसपेशियों के टिशूज को रिपेयर करने और शरीर के कई फंक्शन्स को बेहतर बनाने में मदद करता है। प्रोटीन में 20 एमिनो एसिड्स होते हैं, जिनमें से 11 एमिनो एसिड्स शरीर खुद ही बना लेता है। बचे हुए 9 एमिनो एसिड्स हमें भोजन यानी खाने-पीने की चीजों से मिलते हैं। इसलिए हमें वास्तव में प्रोटीन की नहीं, बल्कि एमिनो एसिड्स की जरूरत होती है। ये एमिनो एसिड्स लेग्यूम्स (फलियों), दालों, नट्स और बीजों में होते हैं। इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप जानवर या जानवरों से मिलने वाले उत्पादों का सेवन करें। लगभग 1 कप बीन्स या दाल से आपको 14-15 ग्राम तक प्रोटीन मिल जाता है। और ऐसी दालें और लेग्यूम्स कई हैं।
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वीगन (शाकाहारी) लोगों के लिए प्रोटीन के कुछ सबसे अच्छे स्रोत इस प्रकार हैं- सभी प्रकार की दाल, सोया बीन्स, राजमा, छोले, बादाम, काजू, कद्दू के बीज (Pumpkin Seeds), सूरजमुखी के बीज (Sunflower Seeds), चिया सीड्स, साबुत मूंग, काली बीन्स, क्विनोआ, पीनट बटर, ब्रोकली, ओट्स... और भी बहुत कुछ।
आयरन, विटामिन बी-12 और एनीमिया (Iron, Vitamin B-12 and Anemia)
डाइट्री आयरन हीम (Heme) और नॉन-हीम (Non Heme) फॉर्म्स में मिलता है। हीम आयरन आमतौर पर मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स में होता है, जबकि नॉन-हीम आयरन पौधों से मिलने वाले कुछ फूड्स जैसे- पालक, दाल, बीन्स, हरी पत्तेदार सब्जियों आदि से मिलता है। अध्ययन बताते हैं कि शाकाहारियों और वीगन लोगों में एनीमिया की संभावना उतनी ही है, जितनी मिक्स डाइट लेने वालों यानी दूसरे लोगों में है। आयरन की कमी पूरी करने के लिए बेहतर है कि आप आयरन से भरपूर ऐसे फूड्स का सेवन करें, जिनमें विटामिन C की मात्रा भी हो, जैसे- धनिया, पुदनी, संतरा, नींबू या दूसरे खट्टे फल। आयरन वाले फूड्स को कॉफी, चाय या टैनिन्स वाले दूसरे फूड्स के साथ न लें क्योंकि इससे आयरन का अवशोषण कम हो जाता है।
विटामिन बी-12 (Vitamin B-12) एक ऐसा विटामिन है, जो लाल रक्त कणिकाओं (रेड ब्लड सेल्स) के उत्पादन में मदद करता है। इसलिए विटामिन बी-12 की कमी से भी एनीमिया हो सकता है। लेकिन काजू, न्यूट्रीशनल यीस्ट, बी-12 फोर्टिफाइड अनाज और वीगन मिल्क, मशरूम, नोरी, सीवीड्स (seaweeds) जापानी फर्मेंटेड ब्लैक टी, सोयाबीन, टेम्फ (tempeh) आदि कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनसे आपको विटामिन बी12 मिल सकता है।
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ओमेगा-3 (Omega-3)
आपसे ये बात किसने कही है कि ओमेगा-3 की जरूरत पूरी करने के लिए सिर्फ मछलियां खाना जरूरी है? जब आप अपनी डाइट से एनिमल फैट निकाल देते हैं, जो इसका मतलब है कि आपने अपनी डाइट से ट्रांस फैट और अनहेल्दी फैट्स को भी निकाल दिया है। इसलिए ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का अनुपात बहुत कम हो जाता है। ओमेगा-6 के कारण शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ता है, जिससे हार्ट की समस्याएं, अर्थराइटिस और दूसरी कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ता है। इसलिए वीगन डाइट में बैलेंस मात्रा में ओमेगा-6, ओमेगा-1 और ओमेगा-3 होता है। इसके सबसे अच्छे स्रोत हैं- अखरोट, चिया सीड्स, कद्दू के बीज (Pumpkin Seeds), तिल के बीज, हेम्प ऑयल या हेम्प के बीज, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, व्हीट जर्म्स, अलसी के बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, स्पिरुलीना (Spirulina(, एल्गी (Algae) आदि।
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वीगन लोगों के लिए कुछ हेल्दी फैट वाले फूड्स इस प्रकार हैं- बादाम, बादाम का दूध (अलमंड मिल्क), कोकोनट ऑयल (नारियल का तेल), नारियल, हेम्प ऑयल और अखरोट। एक परेशानी की बात है कि अगर आप वीगन डाइट फॉलो करते हैं, तो आपको अपनी डाइट से घी भी निकालना पड़ता है। यही कारण है कि मैं आज भी वेजिटेरियन हूं क्योंकि घी मेरे लिए लिक्विड गोल्ड से कम नहीं है।
जिंक और कैल्शियम (Zinc and Calcium)
इसके अलावा वीगन डाइट में कुछ अन्य जरूरी पोषक तत्वों में जिंक और कैल्शियम भी बहुत फायदेमंद होते हैं। नट्स, सीड्स, राजमा, छोले, टोफू, क्विनोआ और हम्मस डिप आदि जिंक का बहुत अच्छा स्रोत होते हैं। तिल के बीज, बादाम और हरी पत्तियों वाली सब्जियां कैल्शियम का अच्छा स्रोत होती हैं।
विटामिन डी (Vitamin D)
विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए हर दिन 20 मिनट सुबह या शाम सूरज की धूप सेकें। अगर आप में विटामिन डी की ज्यादा कमी है और आप धूप में नहीं बैठ पा रहे हैं, तो आप विटामिन डी सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
पेट की सेहत (Gut Health)
अपने पेट को सेहतमंद रखने के लिए आपको कुछ प्रोबायोटिक फूड्स खाने चाहिए, जैसे- कम्बूचा (kombucha), फर्मेंटेड चावल का पानी, कोकोनट योगर्ट, कोकोनट केफिर (coconut kefir), किमची (kimchi), ढोकला (dhokla), सॉक्रॉट (sauerkraut), मीसो (miso) आदि।
आप वीगन, वेजिटेरियन या नॉन वेजिटेरियन जो भी डाइट लेना चाहते हैं, वो आपकी निजी पसंद है। लेकिन वैज्ञानिक साक्ष्यों ने यही सुझाया है कि वीगन डाइट या प्लांट बेस्ड डाइट से शरीर को बहुत सारे फायदे मिलते हैं, लेकिन ये बैलेंस होनी चाहिए और केमिकल्स तथा पेस्टिसाइड्स के बिना इस्तेमाल होने वाले फूड्स पर आधारित होनी चाहिए।
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