पढ़ाई, नौकरी, काम और सोशल लाइफ में लोगों को कई तरह की टेंशन होने लगती है। इसके अलावा, देर तक जागना और खान-पान की अनियमित आदतों की वजह से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। टेंशन की वजह लोगों को एंगजायटी होने लगती है। लंबे समय तक एंगजायटी को नजरअंदाज करना आपके लिए समस्या का कारण हो सकता है। डॉक्टर्स का मानना है कि यदि एंग्जायटी को लंबे समय तक ठीक न किया गया तो यह सीने में दर्द की समस्या की एक कारक बन सकती है। ऐसे में आपकी लाइफस्टाइल प्रभावित होती है और आपको अन्य बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। आगे नोएड़ा मेडिकल सेंटर के पूर्व डॉक्टर विनोद कुमार से जानते हैं कि क्या एंग्जायटी आपके सीने में दर्द की वजह बन सकती है।
एंग्जायटी और सीने में दर्द के बीच का कनेक्शन - Connection Between Anxiety And Chest Pain In Hindi
एंग्जायटी एक मानसिक स्थिति से कहीं अधिक है। यह शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कारकों की एक जटिल क्रिया है। जब एंग्जायटी का स्तर बढ़ता है, तो शरीर तनाव बढ़ने लगता है, ऐसे में शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं। इन हार्मोन्स की वजह से शरीर में ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इससे हार्ट रेट बढ़ सकता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है। कुछ मामलों में, व्यक्तियों को हाइपरवेंटिलेशन का अनुभव हो सकता है, जिससे सांस फूलने और सीने में जकड़न की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, एंग्जायटी का लेवल बढ़ने से एसिड रिफ्लक्स जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। एंग्जायटी होने पर डॉक्टर मरीज को हार्ट से संबंधित टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं।
एंग्जायटी को कम करने के उपाय - Tips To Reduce Anxiety In Hindi
एंग्जायटी को कम करने के लिए डॉक्टर इसके मूल कारणों को समझने का प्रयास करते हैं। आगे जानते हैं इससे बचने के उपाय
मेडिटेशन
एंग्जायटी का स्तर बढ़ने पर आप मेडिटेशन कर सकते हैं। योग व ध्यान आदि क्रियाओं से आप मानसिक शांति पा सकते हैं। इसके अलाव, सांस से संबंधित एक्सरसाइज करने से नर्वस सिस्टम का कार्य बेहतर होता है। साथ ही आराम मिलने से एंग्जायटी, चिंता और तनाव में कमी आती है।
नियमित व्यायाम करें
नियमित व्यायाम एक नेचुरल रूप से तनाव को कम करने में सहायक होता है। व्यायाम से शरीर में एंडोर्फिन नामक हार्मोन रिलीज होता है, जो मूड में सुधार करता है और तनाव व एंग्जाटी को कम करता है। नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इसके लिए आप तेज चलना, योग या जॉगिंग आदि कर सकते हैं। इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
लाइफस्टाइल में करें जरूरी बदलाव
स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से आप मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरह के स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं। देर रात तक जागने की आदत में बदलाव करें। संतुलित आहार लें। देर रात को कैफी और निकोटीन जैसी चीजों का सेवन कम करें। इससे एंग्जायटी बढ़ सकती है।
काम से ब्रेक लें
एंग्जायटी की एक मुख्य वजह काम हो सकता है। ऐसे में आप कुछ दिनों के लिए काम से ब्रेक लें। साथ ही, यदि संभव हो तो इस दौरान पहाड़ो या किसी ऐसी जगह घूमकर आएं जहां पर आपका मन शांत हो सकता हो। फैमिली के साथ समय बिताने से भी आप एंग्जायटी के स्तर को कम कर सकते हैं।
सामाजिक सपोर्ट
मित्रों और परिवार के साथ जुड़कर उनका सपोर्ट लें। आप जिन लोगों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ें हैं उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। किसी करीब मित्र या परिवार के सदस्य के साथ अपनी परेशानियों को शेयर करें। इससे एंग्याजटी और चिंता तेजी से दूर होती हैं।
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चिंता, एंग्यायटी और तनाव से बचने के लिए आप संतुलित आहार का सेवन करें और नियमित रूप से व्यायाम करें। इससे आप मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रहते हैं। एंग्जायटी को दूर करने के लिए आप दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताए। अगर, समस्या अधिक हो तो बिना देर किए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।