डेंगू बुखार 'डेन वायरस' के कारण होता है। एक बार शरीर में वायरस जाने के बाद डेंगू के बुखार के लक्षण आमतौर पर 5 से 6 दिन के भीतर दिखाई देने लगते हैं। डेंगू बुखार का वायरस एड़ीज नामक मादा मच्छर के काटने से होता है। वह मच्छर दिन के समय में काटता है। डेंगू से बचने का एकमात्र उपाय है मच्छकरों से बचना। जैसा कि हम सभी जानते है कि डेंगु वायरस से होने वाली बीमारी है इसलिए इसके इलाज के लिए कोई दवा नहीं है। सावधानी बरतें और डेंगू मच्छरों से बचें यही सबसे आसान उपाय है।
डेंगू का इलाज इससे होने वाली परेशानियों को कम कर के ही किया जा सकता है। डेंगू बुखार में आराम करना और पानी की कमी को पूरा करना बहुत ज़रूरी हो जाता है । हालांकि डेंगू बुखार को लेकर लोगो में बहुत सी गलत धारणाएं हैं और डेंगू से मौत भी निश्चित नहीं है। डेंगू बुखार से होने वाली मौतें 1 प्रतिशत से भी कम हैं। यह बीमारी अकसर एक से दो हफ्ते तक रहती है।
डेंगू फीवर से कैसे बच
- डेंगू से बचने के लिए मच्छरों से बचना बहुत ज़रूरी है जिनसे डेंगू के वायरस फैलते हैं ।
- ऐसी जगह जहां डेंगू फैल रहा है वहां पानी को जमने नहीं देना चाहिए जैसे प्लास्टिक बैग, कैन ,गमले, सड़को या कूलर में जमा पानी ।
- मच्छरों से बचने का हर सम्भव प्रयास करना चाहिए जैसे मच्छरदानी लगाना,पूरी बांह के कपड़े पहनना आदि।
- बदलते मौसम में अगर आप किसी नयी जगह पर जा रहे हैं, तो मच्छारों से बचने के उत्पादों का प्रयोग करें।
- आपके घर के आसपास अगर कहीं जगजमाव हो रहा है, तो वहां सफाई का खास ख्याल रखें।
- मच्छर पैदा होने से रोकने का हर संभव प्रयास करें।
- 5 दिन से अधिक समय तक बुखार होने पर रक्तजांच ज़रूर करा लें। डेंगू से बचना है तो मच्छरों से बचें।
ध्यान रहे कि डेंगू का मच्छर दिन के समय ही काटता है, इसलिए दिन में खुद को मच्छरों से बचाएं, मच्छरों से बचाने वाली क्रीम लगाएं और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। खासतौर पर बरसात के समय फुल बाहों वाली कमाज और चप्पलों की जगह जूते जरूर पहनें। घर में कूलर, गमलों व परिंदों के पानी के लिये रखे बर्तनों आदि का पानी साफ करें। अपने घर के आसपास के गड्ढों में लार्वाभक्षी मछलियां डालें। ये मछलियां मलेरिया कार्यालय में निःशुल्क उपलब्ध होती हैं। घर में पानी की टंकियों को अच्छी तरह से ढंक कर रखें।
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