भारत में प्राचीन काल से ही आयुर्वेद के सहारे बीमारियों का इलाज और निरोगी रहने के लिए औषधियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आयुर्वेद शरीर की संपूर्ण चिकित्सा पद्धति है जिसका इस्तेमाल शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाये रखने के लिए किया जाता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ओरल हेल्थ का सही होना बहुत जरूरी है। आप जो भी भोजन खाते हैं उसका सबसे पहले संपर्क आपके दांत और मुंह से होता है। इस कारण इन्फेक्शन या अन्य बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। ओरल हाइजीन के बनाने के लिए और मुहं, मसूढ़ों और दांत को स्वस्थ रखने के आयुर्वेद के तरीके बहुत उपयोगी हैं। आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
ओरल हेल्थ के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे (Ayurvedic Tips To Maintain Oral Health in Hindi)
आयुर्वेद का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही भारत में किया जाता रहा है। दांत में दर्द, कीड़े लगने की समस्या और मुहं व मसूढ़ों से जुड़ी बीमारी में आयुर्वेदिक नुस्खों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद है। आयुर्वेदिक नुस्खों के इस्तेमाल से आपको साइड इफेक्ट्स का भी खतरा नहीं रहता है। यदि आप ओरल हेल्थ का सही तरीके से ध्यान नहीं रखते हैं तो मुहं और दांत के अलावा कई अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं। मुहं से दुर्गंध और दांतों की उचित साफ सफाई न होने की वजह से कई बार तो समाज में लोगों को शर्मिंदा भी होना पड़ता है। इन समस्याओं से बचने के लिए और ओरल हेल्थ का ध्यान रखने के लिए आइये जानते हैं आयुर्वेदिक टिप्स के बारे में।
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1. दांत दर्द और सेंसिटिविटी में नमक और पानी का उपयोग बहुत फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में नमक और पानी का इस्तेमाल कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। गर्म पानी में नमक मिलाकर इसका उपयोग करने से दांत दर्द और झनझनाहट की समस्या में आराम मिलता है। गर्म पानी और नमक का कुल्ला करने से मुहं में मौजूद बैक्टीरिया भी कम होते हैं। आप दांतों को स्वस्थ और दर्द या सेंसिटिविटी की समस्या से बचाना चाहते हैं तो इस नुस्खे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. आयुर्वेद के मुताबिक मुहं, दांत और मसूढ़ों को स्वस्थ रखने के लिए इसकी साफ-सफाई का उचित ध्यान रखना जरूरी है। आयुर्वेद के मुताबिक आपको अपने दांतों को कम से कम दो मिनट तक अच्छी तरह से ब्रश करना चाहिए। अपने मुंह के हर कोने को कवर करने के लिए छोटे और कोमल स्ट्रोक का उपयोग करें। अपने दांतों की दरारों को विशेष रूप से साफ करें और ठीक से साफ करने के लिए ब्रश या दातून को सही से घुमाएं। नीम, बबूल आदि की दातून का इस्तेमाल दांतों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है।
3. मसूढ़ों से जुड़ी समस्याएं कई बार गंभीर रूप धारण कर लेती हैं। इस समस्या में आपके दांतों को काफी नुकसान भी पहुंचता है। मसूढ़ों से जुड़ी समस्याओं में आयुर्वेद के मुताबिक लौंग का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद माना जाता है। दांतों के दर्द और मसूढ़ों में सूजन की स्थिति में भी इसका इस्तेमाल फायदेमंद होता है। लौंग के तेल का इस्तेमाल करने की सलाह चिकित्सक भी दांत दर्द और मसूढ़ों से जुड़ी समस्या में देते हैं। मुहं से गंध आने की स्थिति में भी लौंग और इसके तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
4. दांत को हेल्दी और मजबूत बनाने के लिए आप तुलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसका इस्तेमाल दांत से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं में फायदेमंद है। तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करने से दांत मजबूत होते हैं और दांतों से जुड़ी तमाम समस्या में भी फायदा मिलता है। दांतों और मसूढ़ों से खून निकलने की समस्या में भी तुलसी का उपयोग किया जाता है। रोजाना तुलसी के कुछ पत्ते चबाने से भी दांतों को फायदा मिलता है।
5. मुहं और ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए मुहं और जीभ की साफ-सफाई का विशेष ध्यान जरूर रखना चाहिए। इसके लिए पुराने जमाने में लोग दातून का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब लोग तरह-तरह के ब्रश का इस्तेमाल करते हैं। आयुर्वेद दांतों को ब्रश करने के तुरंत बाद जीभ को साफ करने की भी सलाह देता है। जीभ साफ करने से ओरल हेल्थ की सफाई की प्रक्रिया पूरी होती है। यह जीभ से गंदगी या उस पर जमा परत हटाने में मदद करता है, जो कि दुर्गंध का कारण बनती है। यह आपके मुंह को भी तरोताजा महसूस कराता है।
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इन आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाकर आप मुहं, दांत और मसूढ़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। आयुर्वेदिक तरीकों का इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है। इसके इस्तेमाल से आपके दांत और ओरल हेल्थ लंबे को लंबे समय तक फायदा मिलता है।
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