विदेशी क्विनोआ से कहीं बेहतर है भारतीय राजगिरा (रामदाना), डायटीशियन पूजा मखीजा से जानें इसके 4 कारण

राजगिरा या रामदाने का प्रयोग काफी समय से भारत में किया जाता रहा है। लेकिन कुछ लोग विदेशी क्विनोआ को ज्यादा हेल्दी मानते हैं।

Monika Agarwal
Written by: Monika AgarwalUpdated at: May 16, 2021 10:30 IST
विदेशी क्विनोआ से कहीं बेहतर है भारतीय राजगिरा (रामदाना), डायटीशियन पूजा मखीजा से जानें इसके 4 कारण

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क्विनोआ फिटनेस फ्रीक इंडियन लोगों के लिए एक नया सुपरफूड है, जो पिछले कुछ समय में काफी इस्तेमाल किया जाने लगा है। ऐसा माना जाता है कि क्विनोआ बहुत हेल्दी होता है, इसलिए लोग इसका सेवन करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्विनोआ की ही तरह दिखने वाला राजगिरा (रामदाना) हमारा अपना भारतीय सुपरफूड है, जो सैकड़ों सालों से इस्तेमाल किया जाता रहा है और क्विनोआ से कहीं ज्यादा हेल्दी होता है। लेकिन क्विनोआ भारतीय मूल का अनाज नहीं है इसलिए यह महंगा मिलता है और आजकल की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी के कारण मंहगी चीजें लोगों को ज्यादा हेल्दी लगती हैं और ज्यादा आकर्षित करती हैं। जबकि राजगिरा काफी सस्ता होता है और लगभग उन सभी पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो क्विनोआ में होते हैं। सेलिब्रिटी न्यूट्रीशन एक्सपर्ट पूजा मखीजा‌ ने हाल में ही सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर भारतीय राजगिरा और विदेशी क्विनोआ के बीच तुलना करके ये बताया कि राजगिरा ज्यादा हेल्दी है। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या बताया।

चूंकि राजगिरा और क्विनोआ गुणों और रूप-रंग में लगभग एक जैसे दिखते हैं, इसलिए पूजा अपनी पोस्ट में (मजाकिया लहजे में) इन दोनों को एक दूसरे का कजिन बताती हैं। आइए जानते हैं इन दोनों में क्या क्या समानताएं हैं और कौन सा अधिक पौष्टिक है। इन दोनों के बीच होने वाले मुकाबले के विजेता कौन है यह आपको निम्न लाभ देख कर खुद ही चुनना होगा।

1. दोनों हैं ग्लूटन फ्री

बहुत से लोग क्विनोआ को इस वजह से भी अपनी डाइट में शामिल करते हैं क्योंकि वह ग्लूटन फ्री है और उससे आपको अच्छा खासा प्रोटीन भी मिलता है। लेकिन आपको यह भी जान लेना चाहिए कि भारतीय राजगिरा भी पूरी तरह से ग्लूटन फ्री है। वैसे तो इस अनाज को उनमें मौजूद अमीनो एसिड के होने के कारण अधूरा प्रोटीन माना जाता है। लेकिन राजगिरा में पाई जाने वाला लाइसिन इसे अपने आप में ही एक पूर्ण प्रोटीन बनाता है।

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2. रामदाना में है अधिक प्रोटीन

क्विनोआ के एक कप में 8 ग्राम प्रोटीन होता है और यह गेहूं और चावल में पाए जाने वाले प्रोटीन से अधिक है। इसलिए इसे प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत मान कर इसे लोग अपनी डाइट में शामिल कर लेते हैं। लेकिन आपको यह जान कर हैरानी होगी कि भारतीय  राजगिरा के भी एक कप में 9 ग्राम प्रोटीन होता है जोकि क्विनोआ से भी अधिक है। इसलिए अगर आप एक फिटनेस फ्रीक हैं या किसी अच्छे प्रोटीन के स्रोत की तलाश में हैं तो आप राजगिरा ट्राई कर सकते हैं।

 
 
 
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3. पकने में बहुत कम समय लगना

जिस प्रकार क्विनोआ का कुकिंग टाइम बहुत ही कम है इसी प्रकार राजगिरा को बनाने में भी बहुत ही कम समय लगता है। अगर आप हमेशा जल्दी बनने वाली चीजों की तलाश में रहते हैं या आपके पास समय कम है तो आप सुबह ब्रेकफास्ट में राजगिरा बना सकते हैं।

4. मैग्नेशियम, आयरन और जिंक से भरपूर

बहुत से लोग क्विनोआ को इसलिए भी खरीद लेते हैं क्योंकि यह हमें जिंक, आयरन और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक पोषण प्रदान करता है। क्विनोआ के एक कप में लगभग 3 ग्राम आयरन होता है। यहां आप यह सुन कर भी चौंक जाएंगे कि भारतीय राजगिरा में भी यह सारे पोषण तो होते ही हैं साथ ही इसके एक कप में 5 ग्राम आयरन होता है। इसलिए यह क्विनोआ से भी अधिक पोषक है।

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जैसा कि हमने देखा कि भारतीय राजगिरा और विदेशी क्विनोआ की इस तुलना में भारतीय राजगिरा (रामदाना) कहीं ज्यादा हेल्दी, सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने वाला सुपरफूड है। यह दोनों ही ग्लूटनफ्री हैं और प्रोटीन के अच्छे स्रोत भी हैं। राजगिरा का फ्लेवर भी बहुत स्वादिष्ट और नटी होता है। राजगिरा आपको आसानी से किसी भी दुकान पर मिल जायेगा। यह एक सस्ता और सुपर पौष्टिक ऑप्शन है। भारतीय राजगिरा विदेशी क्विनोआ से लगभग 10 गुणा कम दाम में उपलब्ध हैं। इसलिए आप यहां स्वदेशी की तरफ जा सकते हैं।

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