Seven Month Pregnancy in Hindi: प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में आखिरी तिमाही की शुरुआत हो जाती है। इस महीने में शिशु का काफी विकास हो जाता है। साथ ही, शिशु सिर को नीचे की तरफ कर लेता है। इस दौरान आपको शिशु की मूवमेंट भी आसानी से महसूस हो सकती है। सातवें महीने में गर्भाशय का बड़ा आकार साफ नजर आने लगता है, इसकी वजह से आपको कई तरह की शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। इस दौरान ज्यादातर महिलाएं पीठ दर्द (back Pain in Pregnancy) का अनुभव करती हैं। इस महीने में प्रेग्नेंट महिला की बच्चे को जन्म देने को लेकर उत्सुकता काफी बढ़ जाती है। अगर आप भी प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में पहुंचने वाली हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है। इस लेख में आपको प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में कौन-से लक्षणों और बदलावों का अनुभव होता है, इसके बारे में पढ़ने को मिलेगा। साथ ही, सातवें महीने में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए, इस महीने तक शिशु का विकास कितना हो जाता है, इनके बारे में भी विस्तार से जानने को मिलेगा। आइए, फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बंदना सोढ़ी से जानते हैं-
प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में दिखने वाले लक्षण- Pregnancy Seventh Month Symptoms in Hindi
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इनकी वजह से आपको कई लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इनमें से कुछ सामान्य होते हैं, तो कुछ असामान्य भी हो सकते हैं। इसलिए आपको समय-समय पर डॉक्टर से कंसल्ट करते रहना चाहिए।
- ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन- इसमें गर्भाशय की मांसपेशियां कड़ी होने लगती हैं। सातवें महीने में अगर आप पेट पर हाथ लगाएंगे, तो गर्भाशय सख्त महसूस होगा।
- प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में योनि स्त्राव अधिक हो सकता है। दरअसल, इस महीने में शिशु का सिर पेल्विक एरिया पर दबाव डालता है। इसकी वजह से स्त्राव ज्यादा होता है। अगर स्त्राव से दुर्गंध आए, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें।
- इस महीने में स्तनों से भी रिसाव होना शुरू हो जाता है। यह गाढ़ा और पीले रंग का हो सकता है। लेकिन जैसे-जैसे डिलीवरी का समय पास आता है, इसका रंग सामान्य होने लगता है।
- प्रेग्नेंसी के सभी महीनों में अपच की समस्या होना बेहद आम है। इस दौरान आपको पेट फूलने, छाती में जलन और जी-मिचलाने जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
- इस दौरान शरीर में दर्द का अनुभव हो सकता है। पीठ, कमर और हाथ-पैरों में दर्द हो सकता है।
- पैरों में सूजन नजर आ सकती है।
- गर्भाशय का आकार बड़ा हो जाता है। ऐसे में पेट पर खिंचाव महसूस हो सकता है।
प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में शरीर में होने वाले बदलाव
प्रेग्नेंसी का सातवां महीना यानी तीसरी तिमाही की शुरुआत। इस दौरान पेट का आकार बढ़ा हो जाता है। साथ ही, कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव भी नजर आने लगते हैं।
- सातवें महीने में आपका वजन काफी बढ़ सकता है। यह सामान्य होता है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।
- इस दौरान गर्भाशय नाभि के ऊपर आ जाएगा। इसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
- सातवें महीने में स्तनों का आकार पहले की तुलना में बड़े हो जाएंगे। साथ ही, निप्पल का रंग भी गहरा काला हो जाएगा।
- सातवें महीने में गर्भाशय का आकार काफी बड़ा हो जाता है। ऐसे में आपको चलते समय या झुकने के दौरान दिक्कत हो सकती है।
- रात को नींद न आना और दिन में अधिक नींद आना।
- कमजोरी और थकावट का अनुभव होता है।
- इस दौरान यूरिनरी ब्लैडर पर दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से आपको बार-बार पेशाब आ सकती है।
प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में भ्रूण का विकास- Baby Growth in Pregnancy Seventh Month
- प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में शिशु का विकास आधे से ज्यादा हो जाता है।
- इस महीने में शिशु बाहर की आवाज सुन सकता है। साथ ही, उन पर प्रतिक्रिया भी दे सकता है।
- शिशु अंगड़ाइयां और जम्हाइयां भी लेना लगता है।
- इस महीने में शिशु की पलकें और भौंह आ जाती हैं।
- सातवें महीने में शिशु आंखें खोल और बंद कर सकता है।
- इस महीने में शिशु का वजन और आकार पहले की तुलना में अधिक हो जाता है।
- इस महीने में शिशु सिर को नीचे की तरफ कर लेता है। इससे आपके मूत्राशय पर दबाव पड़ता है।
- इस दौरान शिशु की हड्डियां सख्त होने लगती हैं।
- शिशु पेट पर लात मारता है।
प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए?
- शिशु के विकास की जांच और स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए नियमित चेकअप बहुत जरूरी है। प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में आपको इन टेस्ट को करवाना चाहिए-
- इस महीने में शिशु की दिल की धड़कन की जांच करवानी चाहिए।
- यूरिन टेस्ट- इसे ब्लड सर्कुलेशन, गर्भाशय का आकार और किसी तरह के संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में बीपी और शुगर लेवल की जांच भी की जाती है।
प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में बरतें ये सावधानियां
- प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में आपको गलत पोजिशन में सोने, उठने और बैठने से बचना चाहिए।
- इस महीने में आपको पेट या पीठ के बल सोने से बचना चाहिए। बाईं ओर करवट लेकर सोना सही माना जाता है।
- सातवें महीने में आगे की तरफ झुकने से बचें। क्योंकि इस महीने में गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है, इससे आगे की तरफ दबाव पड़ता है, जिससे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।
अगर आप भी प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में हैं, तो इन सावधानियों का खास ख्याल रखें। साथ ही, अपने खान-पान का ध्यान रखें। फिजिकली एक्टिव रहें और खुश रहने की कोशिश करें।