मदर्स, क्या आप बच्चों के साथ-साथ अपना ख्याल रखती हैं? क्या आपको अपनी सेहत की चिंता रहती है? आप 20, 30, 40 या 50 किसी भी उम्र में हों, लेकिन अगर आप एक मां हैं, तो आपकी सेहत भी बहुत जरूरी है। महिलाओं की सेहत पुरुषों से काफी मायनों में अलग होती है। महिलाओं के शरीर की पौष्टिक जरूरतें भी प्रेग्नेंसी, ब्रेस्टफीडिंग, मेनोपॉज और इसके बाद के समय में पुरुषों से अलग होती है। वजन बढ़ना, हार्मोनल असंतुलन, थायरॉइड असंतुलन, जोड़ों की तकलीफें, पीसीओडी, हाई कोलेस्ट्रॉल, शुगर का बढ़ना, आयरन की कमी आदि कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जो महिलाओं में आम होती हैं। इनमें से ज्यादातर समस्याएं लाइफस्टाइल के कारण होती हैं।
कम मूवमेंट, तनाव, अपने लिए समय न निकाल पाना लगभग हर मां, खासकर वर्किंग मॉम्स की समस्या है। इसलिए आज मैं आपको बता रही हूं बिजी लाइफ में भी हेल्दी रहने, वजन को कंट्रोल करने और स्वस्थ रहने के लिए खास टिप्स।
वजन संबंधी समस्याएं
महिलाओं की सबसे आम समस्या है, वजन बढ़ना। इसका कारण हो सकते हैं हार्मोनल असंतुलन, स्नैक्स ज्यादा खाना, मेटाबॉलिज्म का कमजोर होना या मूवमेंट कम होना। प्रेग्नेंसी के बाद लगभग हर महिला का वजन बढ़ता ही है और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं से छुटकारा पाने का एक आसान तरीका है उपवास। हमारे पूर्वजों ने तमाम त्यौहार और पर्व इसीलिए बनाए थे, ताकि किसी न किसी तरीके से कुछ-कुछ समय के अंतराल पर उपवास रखा जा सके। उपवास रखने से बॉडी डिटॉक्स होती है और शरीर स्वस्थ रहता है।
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मूवमेंट
अगर आप ऐसी जॉब में हैं, जहां दिनभर बैठना पड़ता है, तो आपको थोड़ा-बहुत टहलने-घूमने का बहाना तलाश करना पड़ेगा। काम के दौरान हर 1 घंटे में कम से कम 5 मिनट के लिए पैदल चलें। छुट्टी वाले दिन बच्चों के साथ थोड़ा डांस करें और घर के काम करें। हमारी दादियां घरों में मसाले पीसती थीं। ये एक अच्छी प्रैक्टिस थी। इसमें मेहनत भी थी और आजकल की एरोमा थेरेपी भी काम करती थी। क्योंकि सुगंधित मसालों की गंध से आपका मूड अच्छा होता है। तो घर में रहें और डांस करें, वॉक करें, योगा करें, यानी कुछ न कुछ मूवमेंट करते रहें।
खाने का पोर्शन साइज थोड़ा कम करें
कोशिश करें कि आपके खाने की प्लेट का आधा हिस्सा सब्जियों से भरा हो (इनमें रंगीन सब्जियां शामिल हों), एक चौधाई हिस्सा अनाज यानी चावल, रोटी या ओट्स आदि से भरा हो और बाकी का एक चौथाई हिस्सा दाल या अंडे या चिकन या पनीर से भरा हो। इस तरह से आपका खाना होना चाहिए। खाना बनाने समय प्रति व्यक्ति 1 चम्मच से ज्यादा तेल का इस्तेमाल न करें। खाने में रंगीन सब्जियों के इस्तेमाल से इम्यूनिटी बढ़ती है।
स्नैक्स और ड्रिंक्स पर ध्यान दें
आपकी हर कप कॉफी या चाय एक स्नैक के बराबर है। इसलिए चाय-कॉफी का सेवन कम करें। इसके बजाय कुछ हेल्दी स्नैक्स जैसे- अलसी के लड्डू, फल, घर पर बनी भेल, पंपकिन और सनफ्लावर सीड्स, चिया सीड्स, नारियल पानी, रागी के बिस्कुट, कोकम शर्बत, छाछ, लस्सी, मखाना, भुने चने आदि का सेवन करें। ये स्नैक्स हेल्दी और लाइट होते हैं। अगर चाय पीनी ही ही, तो काली चाय पिएं या फिर ब्लैक कॉफी, हर्बल चाय या हल्दी की चाय पिएं।
तनाव न लें, अच्छी नींद लें
अपने आप को तनाव में ज्यादा खाने से रोकें। हममें से ज्याादतर लोग स्ट्रेस में काफी कुछ खा लेते हैं। इसके लिए प्राणायाम करें और ताव मुक्त रहें, तभी आपका वजन घटेगा। दोपहर में पावर नैप लेने में कोई गुरेज नहीं है। इसके साथ ही रात में 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। इससे आपके हार्मोन्स का उत्पादन अच्छी तरह होगा और स्ट्रेस हार्मोन्स कंट्रोल में रहेंगे।
पोषक तत्वों की कमी ऐसे पूरी करें
महिलाओं में प्रेग्नेंसी के बाद या 30 की उम्र के बाद आमतौर पर विटामिन बी-12, आयरन, फॉलेट आदि की कमी होती है। इसके कारण नाखूनों का टूटना, बालों का झड़ना आदि बढ़ जाता है। आयरन की कमी के कारण माहवारी के समय खून ज्यादा बहता है। इसलिए इन विटामिन्स की कमी को पूरा करने के लिए अपना खानपान सही रखें।
इसके लिए कुछ खास बीजों का सेवन करें, जो विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। 2 चम्मच मिक्स सीड्स खाएं, जिसमें आप अलसी के बीज, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, चिया सीड्स, तरबूज के बीज आदि मिला सकते हैं। ये बीज आपके लिए बड़े फायदेमंद होंगे। इसके अलावा रोजाना कम से कम 20 मिनट समय धूप में जरूर गुजारें।